भोपाल. मंत्रियों को विभागों के बंटवारे में देरी से कांग्रेस ही नहीं, भाजपा के नेता भी खुश नहीं है। मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज अजय विश्नोई के नाराजगी जाहिर करने के बाद अब सुरखी की पूर्व विधायक पारुल साहू ने सिंधिया पर तंज कसा कि ये राजनीतिक दहेज प्रताड़ना कहीं राजनीतिक तलाक का कारण न बन जाए। शीर्ष नेतृत्व से आग्रह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सम्मान को इस तरह धूमिल न किया जाए। उन्हें निर्णय लेने की आजादी दी जाए।
मंत्रिमंडल विस्तार के 9 दिन बीतने के बाद भी मंत्रियों को विभाग बांटने पर फैसला नहीं हो सका। दिल्ली से लेकर भोपाल तक चल रहा मंथन का सिलसिला अभी भी जारी है। आज भी मंत्रियों में विभाग बंटवारे होने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं। उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि जितना मंथन होगा, उतना अमृत निकलेगा। लेकिन यह नहीं बताया कि मंथन कब तक चलेगा।
विभागों के बंटवारे को लेकर मंत्रियों के साथ-साथ पार्टी नेताओं में भी बैचेनी है। हर कोई एक-दूसरे से यही पूछ रहा है कि विभाग कब तक बंट जाएंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश संगठन तक से चर्चा कर चुके हैं। वरिष्ठ मंत्रियों से भी उनकी चर्चा हो चुकी है, लेकिन मामला अभी भी अटका हुआ है।
सूत्रों का कहना है कि बड़े विभागों को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों को कमलनाथ सरकार में आवंटित विभागों के साथ कुछ अतिरिक्त विभाग दिलाना चाहते हैं। इनमें वे विभाग भी शामिल हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री वरिष्ठ मंत्रियों को देने की मंशा रखते हैं। यही वजह है कि तालमेल नहीं बन पा रहा है।