अयोध्या। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब अयोध्या के रामनवमी मेले मे भीड़ को आने से रोकने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी अपील की है। उसके बाद प्रशासन सक्रिय हो गया है और अयोध्या के संतों से मिलकर उन्हीं से श्रद्धालुओं के मेले में न आने की अपील करवाना चाहता है। इसके लिए प्रयास तेज हो गए हैं।
अयोध्या के भाजपा विधायक वेदप्रकाश गुप्ता के मुताबिक कल शाम खुद डीएम और एसपी के साथ वे अयोध्या के मणिराम छावनी के महंत और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास से मुलाकात की। उनसे रामनवमी में लोगों को ना आने की अपील जारी करने का अनुरोध किया,लेकिन महंत का जवाब सकारात्मक नहीं दिखा। ऐसे में अब शुक्रवार को अयोध्या के अन्य मंदिरों के संत महंतों से भी संपर्क करके रामनवमी मेले में लोगों के ना आने की अपील जारी करवाने के प्रयास शुरू हो गए हैं।
राम नवमी में भीड़ को रोकने की कवायद जारी रहेगी
विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने बताया कि यह प्रयास लगातार जारी रहेगा। संतो के माध्यम से ही रामनवमी मेले पर परोक्ष तरीके से रोक लगाने की कवायद हो रही है। अयोध्या का पौराणिक मेला इस साल बेहद महत्वपूर्ण इसलिए हो गया है, क्योंकि राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले से लोग उत्साहित हैं और इसे भव्य तरीके से मनाने के उत्साहित हैं। इस बीच 24 तारीख को सीएम योगी आदित्यनाथ यहां पहुंच रहे हैं। जो अगले दिन 4:00 बजे भोर में रामलला को टेंट के मंदिर से मुक्त करवाकर फाइबर के मजबूत खूबसूरत सुरक्षित मंदिर में स्थापित करेंगे। इसको लेकर 22 तारीख से इस स्थल का शुद्धिकरण का कार्यक्रम भी शुरू हो जाएगा।
22 को शुरू होगा स्थल के शुद्धिकरण का काम
इसमें दिल्ली अयोध्या और काशी के पंडितों को बुलाया गया है लेकिन कोरोनावायरस को लेकर देश भर में जारी गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए बाहर के पंडितों के कार्यक्रम निरस्त हो सकते हैं। ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने बताया की फाइबर के मंदिर का निर्माण कार्य को पूरा करने की डेड लाइन 17 मार्च थी। लेकिन अब यह कार्य 2 दिन बाद पूरा हो पाएगा। उसी के बाद इसके स्थल का शुद्धिकरण अनुष्ठान भी शुरू होगा।इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। पंडितों का पैनल भी तैयार है, जो 22 तारीख से ही रामलला को फाइबर मंदिर में शिफ्ट करने को लेकर अनुष्ठान कार्य करेंगे।
लाइव प्रसारण होगा रामलला के शिफ्टिंग का अनुष्ठान
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र के मुताबिक ट्रस्ट 25 मार्च से रामलला के दर्शन अवधि में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। भोर के मंगला आरती से शयन आरती तक रामलला के दर्शन हो सकेंगे। सीमित संख्या में श्रद्धालु दर्शन के साथ आरती का भी आनंद उठा सकेंगे। श्रद्धालुओं की कोरोनावायरस से सुरक्षा को देखते हुए ट्रस्ट अब रामलला के टेंट से नए अस्थाई मंदिर में शिफ्टिंग का लाइव प्रसारण करने पर विचार कर रहा है।
अब नवरात्र से तीन दिन पहले से रामलला का उत्सव शुरू हो जाएगा। 20 विद्वान 25 मार्च चैत्र नवरात्रि की भोर में वैदिक रीति से टेंट से अस्थाई मंदिर से नए मंदिर में शिफ्ट करने का अनुष्ठान पूरा करवाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ट्रस्ट के सभी ट्रस्टी व सीमित लोग ही इसमें शामिल हो सकेंगे।