मुंबई. सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने कहा है कि दिवालिया हो चुके दिवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में उसका 3,688 करोड़ रुपए का एक्सपोजर था, जिसका फ्रॉड किया गया। बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में यह बात कही है। बैंकिंग रेगुलेटर आरबीआई द्वारा तय नियमों के मुताबिक अगर इस तरह के खाता का चार तिमाही तक रिकवरी नहीं हो पाया तो इसका 100 प्रतिशत प्रोविजन करना होता है। बैंक ने अब तक 1,246 करोड़ रुपए का प्रोविजन किया है।
इंडसइंड बैंक ने भी धोखाधड़ी की दी थी जानकारी
बैंक ने कहा है कि डीएचएफएल खाते के 3,688.58 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी की जानकारी आरबीआई को दी गई थी। बैंक ने तय नियमों के तहत पहले ही 1,246.58 करोड़ रुपए का प्रोविजन किया था। बता दें कि इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और यूनियन बैंक ने भी डीएचएफएल को फ्रॉड अकाउंट घोषित किया था। निजी क्षेत्र के बैंक इंडसइंड बैंक ने भी इसी तरह का फैसला किया था।
डीएचएफएल के प्रमोटर्स पर मनी लांड्रिंग का मामला
डीएचएफएल पहली फाइनेंशियल कंपनी थी जिसे बैंकरप्सी कोर्ट में ले जाया गया था। इसका कुल कर्ज 85,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का रहा है। इसके प्रमोटर कपिल वधावन पर आरोप हैं कि वे मनी लांड्रिंग करते थे। इस मामले में वधावन बंधुओं पर ईडी कार्रवाई कर रहा है। सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन डीएचएफएल की जांच कर रहा है। फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार इस कंपनी ने अपने से जुड़ी कंपनियों और प्रमोटर्स को लोन दिया था।
ऐसी 65 कंपनियों को करीबन 24,594 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया था। इन कंपनियों के पास सही डाक्यूमेंट भी नहीं थे।