भोपाल. 25 करोड़ रु. के सैनिटाइजर बिना टैक्स दिए बेचने के मामले में गिरफ्तार सोम डिस्टलरीज के डायरेक्टर जगदीश अरोरा, उनके भाई अजय अरोरा और विनय सिंह को गुरुवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया, जहां से तीनों को 24 जुलाई तक केंद्रीय जेल भेज दिया गया। इस दौरान आरोपियों के वकील अजय गुप्ता ने मजिस्ट्रेट पुष्पक पाठक को बताया कि सोम ग्रुप ने दो करोड़ रु. जीएसटी में जमा कराए थे। आज भी 6 करोड़ रु. जमा कराए गए हैं। जीएसटी विभाग ने अब तक नहीं बताया कि ग्रुप को कितना टैक्स जमा करना है। इस पर मजिस्ट्रेट ने कहा कि मामले की जांच जारी है, इसलिए आरोपियों को फिलहाल जेल भेजा जाता है।
सुनवाई के दौरान अरोरा बंधुओं को कोर्ट में ही अस्थमा का अटैक और चक्कर आया। मजिस्ट्रेट ने दोनों को मेडिकल जांच के लिए जेपी अस्पताल भेजा। मजिस्ट्रेट को मिली मेडिकल रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपियों को कोई गंभीर बीमारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) ने जगदीश, अजय और विनय को 28 घंटे पूछताछ के बाद बुधवार को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद ही दोनों भाइयों की तबीयत बिगड़ी और उन्हें जेपी के आईसीयू में भर्ती किया गया था।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई में नेटवर्किंग प्रोब्लम
जीएसटी टीम गुरुवार को जब आरोपियों को लेकर कोर्ट परिसर पहुंची, तब तक उन्हें नहीं पता था कि किस अदालत में आरोपियों को पेश करना है। बाद में उन्हें मजिस्ट्रेट पुष्पक पाठक की कोर्ट में ले जाने के निर्देश मिले। आरोपियों को परिसर में नीचे बने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम के पास ले जाया गया। इसी दौरान अरोरा बंधुओं की तबीयत खराब हुई, इससे गांधी हॉल में भीड़ एकत्रित हो गई। अस्पताल से लौटने के बाद जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई शुरू हुई तो आधे घंटे तक नेटवर्किंग प्रोब्लम बनी रही। बाद में इसे सुधार कर सुनवाई कराई गई।
इन धाराओं में केस दर्ज
जगदीश, अजय और विनय के खिलाफ डीजीजीआई जोनल यूनिट भोपाल ने दंड प्रक्रिया संहिता धारा 157, 158, 190 और 132 एवं 69 एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया है।