रतलाम। प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री संजय शुक्ला ने गुरुवार को रतलाम में कोरोना संक्रमण तथा रोकथाम की समीक्षा बैठक लेकर की। श्री शुक्ला ने निर्देशित किया कि कोरोना को जड़ से समाप्त करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें। सर्वेक्षण सुनियोजित रूप से कराया जाए, कांटेक्ट ट्रेसिंग में कोई कमी नहीं रखें। प्रमुख सचिव ने रतलाम जिले में कोरोना नियंत्रण पर संतोष व्यक्त करते हुए इस स्प्रिट को कायम रखने के निर्देश दिए। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी, सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप केरकेट्टा, मेडिकल कॉलेज डीन डॉक्टर संजय दीक्षित, सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर नानावरे, सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर, डॉ. प्रमोद प्रजापति आदि उपस्थित थे।
प्रमुख सचिव ने बैठक में निर्देश दिए कि कोरोना को जड़ से समाप्त करने के लिए जरूरी है कि कोई मरीज उपचार से छूटे नहीं, छिपे हुए मरीज की पहचान अत्यावश्यक है। इसके लिए पूर्व में जिन कालोनियों, मोहल्लों में संक्रमण फैला था और अब नहीं है, उन क्षेत्रों में पुनः गहन सर्वेक्षण करवाया जाए। एक निश्चित समय अंतराल 30 या 40 दिनों में दोबारा उन क्षेत्रों का सर्वेक्षण आवश्यक है इससे उन मरीजों की पहचान हो सकेगी जो कोरोनाग्रस्त हो सकते हैं। उन्होंने जिले में कोरोना के डाटा का सतत विश्लेषण करते हुए प्रतिदिन माइक्रो प्लान बनाने के निर्देश दिए। जिले के कोरोना डेटा का विश्लेषण भोपाल स्थित टीम से भी नियमित रूप से कराने को कहा इससे जिले की उस गैप या कमी का पता चल सकता है जो स्थानीय स्तर पर संभवतः परिलक्षित नहीं होती हो। प्रमुख सचिव ने जिले में किल कोरोना सर्वेक्षण की स्टेपवार जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में गहराई आवश्यक है, यदि किसी कमजोर टीम द्वारा सर्वेक्षण किया गया है तो कोई कमी रह सकती है। इसके लिए कमजोर टीम के सर्वेक्षण को क्रॉस चेक करवाया जाए।
प्रमुख सचिव द्वारा कोरोना से बचाव के लिए विकसित किए गए सार्थक लाइट एप की अधिकाधिक डाउनलोडिंग नागरिकों के एंड्रॉयड फोन में करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मोबाइल में ऐप डाउनलोड करवाने के लिए प्रशासन स्थानीय स्तर पर कोई प्रोत्साहन योजना भी आरंभ की जा सकती है जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित हो सकेंगे। कोरोना से बचाव के लिए जनजागरूकता पर चर्चा करते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि कम्युनिटी रेडियो या व्हाट्सएप ग्रुप जैसे माध्यम से आमजन में जागरूकता उत्पन्न की जा सकती है। इसके लिए स्थानीय भाषा का उपयोग ज्यादा प्रभावी सिद्ध होगा। व्हाट्सएप नंबर जारी किए जा सकते हैं, प्रचार-प्रसार के माध्यम से आमजन को बताया जा सकता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के लिए किस प्रकार के खानपान का उपयोग किया जाए। मरीजों के लिए भावनात्मक सपोर्ट पर भी जोर देते हुए कहा कि कोरोना पेशेंट के साथ आइसोलेशन में उसके घर का कोई अटेंडर नहीं होता है, इसलिए अकेलेपन में उसे भावनात्मक सपोर्ट की जरूरत होती है। इसके लिए विभिन्न प्रकार के माध्यम उपयोग किए जा सकते हैं, खासतौर पर मरीज के परिजनों के ऑडियो सुनवाने या वीडियो कॉल जैसे माध्यम प्रभावी होते हैं। इससे मरीज को शीघ्र स्वस्थ होने में मदद मिलती है।
बैठक में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने प्रमुख सचिव को रतलाम जिले में किल कोरोना सर्वेक्षण की विस्तृत जानकारी दी। प्रमुख सचिव द्वारा मेडिकल शॉप द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की जानकारी का भी संदिग्धों की पहचान में बेहतर उपयोग करने के निर्देश दिए।