भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते कुछ समय से जारी सियासी संकट के लिए आज बड़ा दिन है। मध्य प्रदेश की राजनीति किस ओर करवटे लेती है, उसकी तस्वीर आज फ्लोर टेस्ट से साफ हो जाएगी। आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कमलनाथ सरकार का बहुमत परीक्षण है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने आज शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। इसके बाद सबकी निगाहें आज की विधानसभा कार्यवाही पर है। उससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया।ऐसी अकटलें हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दे सकते हैं।
कमलनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें:
-फ्लोर टेस्ट से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि धोखा देने वालों को मध्य प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी।
-मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी थी तो भाजपा के नेता कहते थे कि ये सरकार 15 दिन की सरकार है। ज्यादा दिन नहीं टिकेगी। पहले दिन से भाजपा ने हमारे खिलाफ षडयंत्र शुरू कर दिया। बीजेपी 15 महीने ेस मेरी सरकार के खिलाफ साजिश रच रही है।
-कांग्रेस विधायकों के साथ प्रेस कॉन्फ्सें कर कमलनाथ ने कहा कि भाजपा को 15 साल मिले थे और मुझे केवल 15 महीने। आखिर हमारा क्या कसूर था। ढाई महीने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में गुजरे। इन 15 महीनों मे राज्य का हर नागरिक गवाह है कि मैंने राज्य के लिए कितना काम किया। मगर बीजेपी को यह पसंद नहीं आया और उसने लगातार हमारे खिलाफ साजिश रची।
- कमलनाथ ने कहा कि मेरा प्रदेश पूछ रहा है कि मेरा क्या कसूर था। 45 साल के राजनीतिक इतिहास में मैंने हमेशा विकास में विश्वास किया। जनता ने मुझे पांच साल का मौका दिया था, प्रदेश को विकास की राह पर लाने का।
- सीएम कमलनाथ ने कहा कि विधानसभा में सबसे ज्यादा सीटें हासिल करके कांग्रेस सत्ता में आई थी। 17 दिसंबर को मैंने शपथ ली।
-मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री कमलनाथ के घर पहुंच चुके हैं।
उधर, कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले बाकी 16 विधायकों का भी इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर ने गुरूवार की देर रात कहा कि 10 मार्च को जिन विधायकों ने इस्तीफा सौंपा था, उन सभी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा स्पीकर का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कमलनाथ सरकार को कल शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। इसके बाद अब कमलनाथ सरकार को शुक्रवार शाम पांच बजे तक किसी भी हाल में फ्लोर टेस्ट करना होगा।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने गुरूवार को अपने आदेश में कहा कि अगर बागी विधायक फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा आने चाहते हैं तो कर्नाटक और मध्य प्रदेश के डीजीपी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराए। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने को भी कहा है। कोर्ट ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि विधानसभा का एकमात्र एजेंडा बहुमत साबित करने का होगा और किसी के लिए भी बाधा उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए।
इससे पहले, मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने पहले कमलनाथ सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था। हालांकि, इसके बाद कोरोना वायरस का हवाला देते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर के इस फैसले को पलटते हुए शुक्रवार को 5 बजे तक फ्लोट टेस्ट कराने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट कराने को लेकर दिए आदेश का शिवराज सिंह चौहान ने स्वागत किया है। उन्होंन कहा कि इस सरकार ने न सिर्फ अपना बहुमत खोया है इसने मध्य प्रदेश के साथ धोखा किया है। यह सरकार कल फ्लोर टेस्ट में गिर जाएगी।
क्या है नंबर गेम: विधानसभा में 230 विधायक संख्या है, जिनमें से 24 स्थान रिक्त है। 206 विधायकों के सदन में बहुमत के लिए 104 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। भाजपा के पास 107 विधायक हैं। कांग्रेस के 92 और सपा, बसपा व निर्दलीय विधायकों के समर्थन से यह आंकड़ा 99 तक ही पहुंचता है।