इंदौर. पाॅश काॅलोनी सैटेलाइट टाउनशिप में युवक ने पुराने विवाद में एक महिला की गले पर दरांता मारकर हत्या कर दी। महिला बेटे के सैलून में खड़ी थी, तभी यह घटना हुई। वह खुद भी ब्यूटीपार्लर संचालित करती थी। आरोपी को कुछ समय पहले महिला ने आर्म्स एक्ट के केस में बंद करवाया था। इसी का बदला लेने आया था। भागते आरोपी को रहवासियों ने पकड़कर बुरी तरह पीट दिया। पुलिस ने उसे बचाया। हालांकि आरोपी का कहना है उसके महिला से प्रेम संबंध थे, महिला के बाद में बात बंद करने से नाराज था।
एएसपी राजेश रघुवंशी ने बताया कि 48 वर्षीय उषा राठौर रात 8 बजे टाउनशिप में बेटे के सैलून में खड़ी थीं, तभी आरोपी रोहित तराटकर (28) ने पीछे से दरांते से वार कर दिया। महिला के शोर मचाने पर लोग इकट्ठा हो गए और आरोपी को घेरकर पकड़ लिया। इधर, बेटा राहुल और अन्य लोग महिला को अस्पताल ले गए, जहां डाॅक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
महिला से डेढ़ साल से परिचित है आरोपी
आरोपी ने बताया वह डेढ़ साल से महिला से परिचित है। अभी सिटी बस में ड्राइवरी करता है। इससे पहले एक केबल कंपनी में सेटअप बॉक्स लगाने का काम करता था। इसी दौरान महिला से उसकी मुलाकात हुई थी। महिला का रेडिसन चौराहे पर पार्लर भी है। दोनों में अच्छी बातचीत थी, लेकिन बाद में विवाद होने पर महिला ने बात बंद कर दी थी। महिला पति से अलग बेटे रोहित और रोहन के साथ रहती थी। घटना के बाद सिपाही रितेश आरोपी को नहीं बचाता तो भीड़ से उसे मार डालती।
इधर, नशा के बाद नाबालिग दोस्तों ने ही 15 साल के लड़के की हत्या की थी
जयरामपुर नाले में मिले 15 वर्षीय बालक के शव की पहचान हो गई है। नाबालिग दोस्तों ने नशा करने के बाद लेनदेन के विवाद में पत्थर से सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी थी। मृतक हरसिद्धि का रहने वाला था। वह 26 जून को मां को बिना बताए घर से चला गया था। मां ने 3 जून को रावजी बाजार थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया जा रहा है कि सभी ने 26 तारीख को नशा किया था। इनके बीच 400 रुपए के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ। वह रुपए लेकर जा रहा था तो उसके एक दोस्त ने सिर पर पत्थर मार दिया था। वह गिर गया तो आरोपियों ने समझा मर गया। पकड़े जाने के डर से दूसरे दोस्त ने पत्थर से सिर कुचलकर मार दिया और शव नाले में फेंक दिया। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है।
आईजी बोले- अपराध हुआ तो सीएसपी और टीआई जिम्मेदार
शहर में बढ़ रहे अपराधों को रोकने के लिए आईजी ने नई गाइड लाइन जारी की है। उन्होंने सोमवार को सीएसपी से लेकर कांस्टेबल तक को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपने-अपने संगीन अपराधों में लिप्त अपराधियों की जिम्मेदारी हर कर्मचारी के हिसाब से तय करें और उस पर सतत निगरानी भी रखें। आईजी विवेक शर्मा ने बताया कि कई बार देखने में आया है कि सीएसपी और थाना प्रभारी गंभीर किस्म के अपराधियों की निगरानी निचले स्टाफ पर छोड़ देते हैं।
वहीं, निचला स्टाफ जांच या अन्य वर्क लोड के चलते निगरानी नहीं कर पाता। ऐसे में हमने तीन दिन का समय अधिकारियों को दिया है। वे सीएसपी से लेकर टीआई, एसआई, एएसआई, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल स्तर पर थानेवार अपने इलाके के लिस्टेड व गंभीर अपराध जैसे चाकूबाजी, लूटपाट और संगठित गिरोह के लिए काम करने वाले बदमाशों की सूची बनाएं और एक-एक बदमाश की जिम्मेदारी लेकर उस पर निगरानी करें। ऐसे में थाने के हर स्टाफ व अधिकारी के पास एक गुंडे की निगरानी का जिम्मा रहेगा। यदि ऐसे में वह अपराध करेगा तो उसके लिए उसका जिम्मेदार अधिकारी रहेगा।