भोपाल: मध्य प्रदेश में शुक्रवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सभी बागी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. बता दें कि बेंगलुरु में मौजूद सभी सिंधिया समर्थक विधायकों ने 10 मार्च को स्पीकर को अपना इस्तीफा भेजा था. गुरुवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए एनपी प्रजापति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. न्यायपालिका ने विधायिका को काम करने के लिए कहा है. मेरे खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई।
इन 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर
एदल सिंह कंसाना, मनोज चौधरी, राज्यवर्धन सिंह, कमलेश जाटव, सुरेश धाकड़, जसवंत जाटव, रक्षा सिरौनिया, हरदीप सिंह डंग, रघुराज सिंह कंसाना, जजपाल सिंह जज्जी, मुन्नालाल गोयल, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, बिसाहू लाल सिंह, गिर्राज दंडोतिया, बृजेंद्र सिंह यादव
कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे 6 विधायकों का पहले ही हो चुका है इस्तीफा मंजूर
14 मार्च को ही विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सिंधिया समर्थक इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रद्युमन सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत और प्रभु राम चौधरी का इस्तीफा मंजूर कर लिया था. गौरतलब है कि ये वही विधायक थे जिन्हें कमलनाथ की सिफारिश पर पहले ही राज्यपाल ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था.
समझिए मध्य प्रदेश विधानसभा का गठित
मध्य प्रदेश में 2 विधायकों के निधन के बाद विधानसभा में कुल सीटें 228 थी. जिनमें सिंधिया समर्थक 22 विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है. ऐसे में अब महज 206 विधायक बाकी हैं. इस स्थिति में बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 104 का है. बीजेपी के पास कुल 107 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 92 विधायक हैं. बीएसपी के 2, एसपी का एक और 4 निर्दलीय विधायक भी अब तक सरकार को समर्थन करते आ रहे हैं.