ग्वालियर. पिछले दिनों गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे। इसे लेकर तभी से दोनों देशों की सेनाओं और सरकारों के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण है। हालांकि, यह तनाव केवल सीमा तक ही सीमित नहीं है। भारत की जनता यहां तक की न्याय प्रणाली भी इस भाव से अछूती नहीं है। बुधवार को ग्वालियर हाईकोर्ट में हुआ एक वाकया इसका प्रमाण है।
दरअसल, यह मामला शहर के बड़ौनी थाना क्षेत्र का है। यहां आरोपी अरविंद पटेल और कमलेश पाल के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत की अपील की थी। इस पर हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि आरोपियों को अस्पताल में 25 हजार रु. कीमत की एलईडी टीवी लगवानी होगी। मगर शर्त यह है कि यह चायना मेड नहीं होना चाहिए।
मुरार जिला अस्पताल के रैन बसेरे में लगवाने होंगे टीवी
बुधवार को यह आदेश ग्वालियर खंड पीठ के जस्टिस शील नागू द्वारा किया गया। इसके मुताबिक, आरोपियों को दो हफ्ते में ग्वालियर के मुरार जिला अस्पताल के रैन बसेरे में टीवी लगवाने होंगे। आदेश में स्पष्ट कहा गया कि टीवी भारत में या किसी भी देश में बना हो, लेकिन चीन का बना नहीं होना चाहिए। इससे पहले भी हाईकोर्ट द्वारा आरोपियों को पौधे लगाने और समाज सेवा करने की-शर्त पर जमानत दी जाती रही है।
18 फरवरी की घटना, हत्या के प्रयास का मामला दर्ज
18 फरवरी को बड़ौनी थाना क्षेत्र के गांव औरीना में आरोपी अरविंद पटेल और कमलेश पाल ने बृजेश पाल के साथ मारपीट करके उसके पैर में गोली मार दी थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ मारपीट और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। 20 फरवरी को आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।