सिंधिया गुट के विधायकों को दिग्विजय का भावुक पत्र- कड़वाहट को दूर करने के लिए 10 मिनट का वक्त दें

Posted By: Himmat Jaithwar
3/19/2020

भोपाल  बेंगलुरु में ठहरे 16 बागी विधायकों को मनाने के लिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चिट्ठी लिखी हैं। सिंह ने इन चिट्‌ठियों में विधायकों को कांग्रेस से उनके पुराने रिश्तों की दुहाई दी। साथ ही, गलतियों से उपजी कड़वाहट को दूर करने को 10 की मुलाकात के लिए वक्त मांगा है। सिंह ने विधायकों को सोनिया गांधी से भी मुलाकात करने का ऑफर दिया है। यह सभी विधायक दो बार अपना इस्तीफा स्पीकर को भेज चुके हैं। लेकिन, अभी तक स्वीकार नहीं किया गया।

सिंह ने कहा- हमें आपसे मिलने के लिए भाजपा द्वारा रोका जा रहा है। राजनीति में कई बार ऐसा समय आता है, तब मनुष्य से गलतियां हो जाती हैं। यह उसका स्वभाव भी है। सिंह ने यह भी कहा कि अगर हमारी किसी गलती से आपने भावावेश ऐसा कदम उठा लिया है, तो मुलाकात के जरिए मतभेद और मनभेद दूर करना चाहता हूं। आप मुझसे नहीं मिलना चाहते हैं तो मैं कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष से आपकी मुलाकात कराने का अनुरोध कर सकता हूं। लेकिन, कांग्रेस अध्यक्ष से बात न होने तक पार्टी छोड़ने का निर्णय नहीं लें। मैं जाने-अनजाने में हुई गलतियों से उपजी सारी कड़वाहट को दूर करना चाहता हूं।

बेंगलुरु में मुलाकात करने पर अड़े दिग्विजय
बेंगलुरु में बुधवार को बागी विधायकों से नहीं मिल पाने पर दिग्विजय समेत मध्य प्रदेश सरकार के बेंगलुरु में 9 मंत्री सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। पुलिस ने सभी नेताओं को हिरासत में लिया था। इसके बाद दिग्विजय ने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। उन्होंने मुलाकात की मांग को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की। लेकिन, निरस्त कर दी गई। इधर, कमलनाथ ने भोपाल में कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं भी बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरु जाऊंगा। आज सीएम के बेंगलुरु जाने की संभावना है।

मध्य प्रदेश की राजनीति में चिट्ठी का दौर
मध्य प्रदेश के सियासी ड्रामे में चिटि्ठयों का दौर भी चल रहा है। अब तक राज्यपाल, मुख्यमंत्री और स्पीकर के बीच पांच पत्र लिखे जा चुके हैं। मंगलवार शाम को स्पीकर एनपी प्रजापति ने राज्यपाल लालजी को पत्र लिखकर विधायकों की सुरक्षा पर चिंता जताई थी। इस पर राज्यपाल ने भी कुछ ही घंटे में जवाब देकर पत्र के बिंदुओं पर सवाल उठाए थे। साथ ही, विधायकों की सुरक्षा को लेकर स्पीकर पर तंज कसा था। कहा- सुरक्षा का काम कार्यपालिका का है। ऐसा प्रतीत होता है कि ये पत्र त्रुटिवश मेरे पास भेज दिया गया। टंडन ने प्रजापति से यह भी पूछा कि आपने किन नियमों के तहत मुझसे कुछ सवालों के जवाब जानने की अपेक्षा की, यह बताने का कष्ट करें। 



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