मुंबई. जीवीके ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन जी वेंकट कृष्णा (जीवीके) रेड्डी और उनके बेटे जीवी संजय रेड्डी के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के डेवलपमेंट में 705 करोड़ रुपए के हेर-फेर के आरोप में यह कार्रवाई की गई। एफआईआर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कुछ अफसरों, एमआईएल, जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड और 9 दूसरी प्राइवेट कंपनियों के भी नाम हैं।
जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) और कुछ विदेशी कंपनियों ने जॉइंट वेंचर में मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) नाम से कंपनी बनाई थी। इसके 50.5% शेयर जीवीके के पास और 26% एएआई के पास हैं। जीवीके रेड्डी जॉइंट वेंचर के चेयरमैन और जीवी संजय रेड्डी एमडी हैं।
जीवीके ग्रुप पर आरोप- फर्जी कॉन्ट्रैक्ट दिखाकर घोटाला किया
एफआईआर के मुताबिक आरोपियों ने 2012 से 2018 के बीच मुंबई एयरपोर्ट के डेवलपमेंट के नाम पर घोटाला किया। जीवीके ग्रुप ने एमआईएएल के सरप्लस फंड में से 395 करोड़ रुपए अपनी दूसरी कंपनियों में लगाए। एमआईएएल के मुंबई बेस्ड होने के बावजूद सरप्लस फंड को हैदराबाद के बैंकों में रखा। इस हेरा-फेरी के लिए बोर्ड मीटिंग का फर्जी प्रस्ताव तैयार किया गया। दूसरी ओर फर्जी कॉन्ट्रैक्ट दिखाकर 310 करोड़ की हेरा-फेरी की गई।
एमआईएएल सालाना रेवेन्यू का 38.7% एएआई को देती है
एएआई और एमआईएएल के बीच 2006 में एग्रीमेंट हुआ था कि मुंबई एयरपोर्ट को एमआईएएल चलाएगी और सालाना रेवेन्यू का 38.7% एएआई को फीस के तौर पर देगी। बाकी रकम एयरपोर्ट के मॉडर्नाइजेशन, ऑपरेशन और मेंटेनेंस में खर्च की जाएगी।