इंदौर. प्रदेश सरकार द्वारा बस संचालन की अनुमति देने के बाद भी बस मालिकों द्वारा बसों का संचालन नहीं किया जा रहा है। इसका कारण यह है कि डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी और कोरोना काल में हुए नुकसान के चलते पुराने किराया शुल्क पर बसों का संचालन घाटे का सौदा है। इसके चलते बस मालिकों ने बसों के किराए में 55 फीसदी की बढ़ोतरी करने की मांग रखी है। बस मालिकों का कहना है कि जब तक किराए में बढ़ोतरी की अनुमति नहीं दी जाती तब तक बसों का संचालन नहीं किया जाएगा।
प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा का कहना है कि हमने प्रदेश सरकार से लॉकडाउन की अवधि के दौरान लगने वाले टैक्स को माफ करने को कहा है लेकिन शासन हमारी बात नहीं मान रहा है, जबकि अन्य राज्यों की सरकार ने टैक्स माफ कर दिया है। मार्च 2020 के मुकाबले डीजल की कीमत 26 प्रतिशत से बढ़ गई है। कोरोना के चलते जब लॉकडाउन लगाया गया था तब मार्च में एक लीटर डीजल के भाव 63 रुपए के आसपास थे जो कि वर्तमान में 80 रुपए पर पहुंच गए है। इस प्रकार मार्च से लेकर अब तक डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 17 रुपए की बढ़ोतरी हो गई है। इसके चलते पुराने किराए में बसों का संचालन नहीं किया जा सकता। इसके अलावा कोरोनवायरस के चलते बसों में भी शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा, जिसके चलते बसों में यात्री क्षमता से कम बैठ सकेंगे इससे बस मालिकों को नुकसान हाेगा। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि छोटे बस संचालक जिन्हें बसों की किस्तें, आरटीओ टैक्स, ड्राइवर-क्लीनर का वेतन सहित अन्य खर्च वहन करना होता है वह व्यापार कर ही नहीं पाएंगे, ऐसे में नुकसान में बस चलाने से बेहतर है कि बसों का संचालन बंद ही रखा जाए।
40 फीसदी बढ़ोतरी के लिए मान सकती है सरकार
कोरोना के चलते ट्रेनों का संचालन बंद है। बसें भी नहीं चल रही है ऐसे में व्यक्ति को एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। अगले माह राखी के साथ ही अन्य त्योहार भी आने वाले हैं। यदि बस नहीं चली तो लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वर्तमान में भी इंदौर सहित संपूर्ण मालवा-निमाड़ में बसों का संचालन पूरी तरह से बंद है। इसे देखते हुए सरकार बसों के किराए में 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी किए जाने को लेकर सहमत हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो भी परेशानी आम जनता को ही होगी क्योंकि कोरोना के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति पहले ही खराब है उस पर बसों का किराया बढ़ने से उनकी जेब पर असर होगा।
खंडवा का किरया 130 से बढ़कर 182 और भोपाल का किराया 210 से 294 हो जाएगा
वैसे तो प्रदेश सरकार बस संचालकों की किराए में 55 फीसदी की बढ़ोतरी की बात को मानेगी नहीं लेकिन संभावना यह बन रही है कि संचालकों को किराए में 40 फीसदी की बढ़ोतरी करने की अनुमति दे सकती है। यदि बसों का किराया 40 फीसदी बढ़ता है तो इंदौर से खंडवा का वर्तमान किरया 130 से बढ़कर 182 हो जाएगा। इसके अलावा इंदौर से भोपाल का किराया 210 से बढ़कर 294, इंदौर से देवास का किराया 40 से बढ़कर 56 रुपए, इंदौर से बुरहानपुर का किराया 180 से बढ़कर 252 रुपए, इंदौर से उज्जैन का किराया 65 से बढ़कर 85 रुपए, इंदौर से खरगोन का किराया 140 से बढ़कर 196 रुपए, इंदौर से सेंधवा का किराया 150 से बढ़कर 210 रुपए, इंदौर से आलीराजपुर का किराया 220 से बढ़कर 308 रुपए और इंदौर से बड़वानी का किराया 150 से बढ़कर 210 रुपए हो जाएगा।