कोरोनिल की लॉन्चिंग के बाद से योग गुरु रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि सवालों के घेरे में है. कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा करने वाले रामदेव और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है. इस बीच, पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने कोरोनिल को लेकर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि कोरोनिल से कोरोना ठीक हो जाएगा या नियंत्रण में रहेगा.
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हमने कहा था कि हमने दवाई बनाई है और क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल के लिए उसका इस्तेमाल किया, जिससे कोरोना के मरीज ठीक हुए. इसमें कोई भ्रम नहीं है.
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि गिलोय, अश्वगंधा और तुलसी के कंपाउंड पर क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल किया गया था. कंपाउंड के बेस पर ही कोरोनिल बनाई गई थी, जिसका रिजल्ट देश के सामने रखा गया. हमने इम्युनिटी बूस्टर के लिए लाइसेंस लिया और उसी के लिए यह दवाइयां बनाई है.
बता दें कि पतंजलि ने निम्स जयपुर में कोरोनिल दवा का परीक्षण करने का दावा किया था. निम्स के अध्यक्ष और चांसलर डॉ. बीएस तोमर ने गुरुवार को इंडिया टुडे से कहा था, "हमारे पास मरीजों पर परीक्षण करने के लिए सभी आवश्यक अनुमति थी. परीक्षण से पहले CTRI से अनुमति ली गई थी, जो ICMR का एक निकाय है. मेरे पास इसके दस्तावेज हैं."
उन्होंने बताया कि "NIMS, जयपुर में 100 मरीजों पर इस दवा का ट्रायल किया गया था. परिणाम के अनुसार 3 दिनों में 69% मरीज ठीक हो गए. 7 दिनों में 100% मरीज ठीक हो गए."