इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना का कहर झेल रहे शहरवासियों के लिए राहत की बात है कि अनलॉक के बावजूद कोरोना का असर कम हुआ है। पिछले कुछ दिनों की तुलना में शहर में आज कोरोना संक्रमितों की संख्या में कुछ कमी आई। मंगलवार रात जारी रिपोर्ट के अनुसार इंदौर में कोरोना वायरस के 25 पॉजिटिव मामले और मिले हैं। लॉकडाउन के दौरान जहां हर 100 सैंपलों की जांच में 10 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही थी, वहीं अब इतने ही सैंपलों की जांच में सिर्फ दो पॉजिटिव मिल रहे हैं। यानी पांच गुना की कमी।
दूसरी तरफ चिंता यह है कि अनलॉक के इस महीने में कोरोना से मरने वालों की संख्या में अधिक इजाफा हुआ है। लॉकडाउन में जहां 100 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से चार की मौत हो रही थी, वहीं अब आठ लोग दम तोड़ रहे हैं। यानी मौत की संख्या लगभग दोगुना हो गई है। आज तीन और लोगाें की कोरोना से मौत की पुष्टि हुई है। इसे मिलाकर अब तक 232 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 1497 सैंपल निगेटिव मिले हैं। आज 100 मरीजों को स्वस्थ होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। जबकि शहर में अब एक्टिव मरीजों की संख्या 950 है।
एक जून से शहर को अनलॉक करने की शुरुआत हुई थी। पहले सीमित स्थानों पर दुकानें और कामकाज शुरू करने की अनुमति दी गई, लेकिन अब धीरे-धीरे छूट का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है। 30 जून को अनलॉक का एक महीना पूरा होने जा रहा है। आशंका जताई जा रही थी कि शहर के अनलॉक होते ही कोरोना के मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होगी, लेकिन इंदौरियों की तारीफ करनी होगी कि उनके सब्र और स्वच्छता के गुण के आगे कोरोना भी घुटने टेकता नजर आ रहा है। अनलॉक के 28 दिनों के विश्लेषण से पता चलता है कि इस दौरान कोरोना का असर कम हुआ है। 31 मई तक जहां 36635 सैंपलों की जांच में 3539 पॉजिटिव मरीज मिले थे, वहीं अनलॉक के 28 दिनों में 46501 सैंपलों की जांच में सिर्फ 1125 पॉजिटिव मरीज मिले हैं।
अनलॉक के 28 दिनों के दौरान कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ा है। 28 दिन में शहर में 91 मौत हुई। अनलॉक के दौरान एक भी दिन ऐसा नहीं आया जब शहर में कोरोना से कोई मौत न हुई हो। चौंकाने वाली बात यह भी है कि 28 दिनों में से 16 दिन ऐसे हैं जब शहर में कोरोना से रोज चार-चार मौतें हुईं। अब तक जारी मेडिकल बुलेटिन में यह भी बताया जाता था कि मरीज कब से कब तक अस्पताल में भर्ती रहा और उसकी मौत किस दिन हुई, लेकिन अब मीडिया के सवालों से बचने के लिए विभाग ने बुलेटिन से यह जानकारी ही हटा ली है।