गुजरात से लौट कर आए अजीत, देवानंद तथा शांतिलाल को नहर निर्माण में रोजगार मिला

Posted By: Himmat Jaithwar
6/30/2020

रतलाम। रतलाम जिले में प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इनके लिए मनरेगा योजना से अधिकाधिक रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले के ग्राम भामट में भी प्रवासी श्रमिकों को नहर निर्माण में रोजगार मिला है।

भामट के रहने वाले आदिवासी श्रमिक अजीत, देवानंद और शांतिलाल जिले के अन्य श्रमिकों के साथ पूर्व में गुजरात में कार्य कर रहे थे। यह लोग गुजरात में भवन निर्माण ठेकेदार के साथ मिस्त्री का काम कर रहे थे। लॉकडाउन के दौरान जब ठेकेदार ने काम देना बंद कर दिया, तब इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। ऐसे में यह लोग अपने घर लौट आए लेकिन घर लौटने पर भी माथे पर चिंता की लकीरें थी, सामने कुछ काम नहीं था करने को, घर गृहस्ती के लिए पैसे चाहिए थे। ऐसे में जल संसाधन विभाग द्वारा भामट तालाब पर संचालित नहर निर्माण कार्य में अजीत, देवानंद और शांतिलाल को मिस्त्री का काम मिल गया। अब इन्हें 400 रूपए प्रतिदिन प्राप्त हो रहे हैं जिससे जीवन आसान हो गया है, चिंता की लकीरें मिट गई।

जल संसाधन विभाग तालाब की नहर में रिसन रोकने के लिए कार्य संचालित कर रहा है। इस कार्य पर लगभग 80 से 100 मजदूरों को प्रतिदिन रोजगार मिलता है। सभी श्रमिक मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को धन्यवाद देते हैं कि लॉकडाउन और कोरोना संकट में भी उनको रोजगार देने के लिए राज्य शासन ने सहारा दिया। भामट में नहर में रीसन रोकने का कार्य विगत मार्च माह से संचालित किया जा रहा है, इस पर 187 लाख रूपए खर्च किए जाएंगे।



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