रतलाम। सभी सेक्टर ऑफिसर पूर्ण गंभीरता के साथ कील कोरोना अभियान के सफल क्रियान्वयन में अपना योगदान दें। प्रपत्र सही सही भरे जाए, समय सीमा में रिपोर्टिंग की जाए। यह निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने सेक्टर ऑफिसर की ट्रेनिंग में दिए। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित ट्रेनिंग में 42 सेक्टर ऑफिसर मौजूद थे। उनके साथ ही सेक्टर मेडिकल ऑफिसर भी उपस्थित थे। सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप केरकेट्टा ने ट्रेनिंग में कील कोरोना अभियान की रूपरेखा से अवगत कराया। इस दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती जमुना भिड़े, सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे, डॉ. प्रमोद प्रजापति भी उपस्थित थे।
रतलाम जिले में किल कोरोना अभियान के लिए सर्वेक्षण दल 1 जुलाई से कार्य आरंभ कर रहे हैं। घर-घर जाकर कोरोना के संदिग्ध मरीजों की पहचान की जाएगी, इसके साथ ही मलेरिया, डेंगू तथा अन्य वेक्टरजनित रोगी भी पहचाने जाकर उपचारित किए जाएंगे। जिले के लिए 26 सेंपलिंग दल भी गठित किए गए हैं जो सैंपल लेने का काम करेंगे।
अभियान में सर्वेक्षण दलों के पास पल्स ऑक्सीथर्मामीटर तथा थर्मल स्कैनर भी रहेंगे जिससे व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल और टेंपरेचर नापा जाएगा। इसके साथ ही सर्वे दल के पास मलेरिया टेस्ट किट भी रहेगा जिससे मलेरिया के संभावित रोगी की जांच 15 से 30 मिनट में की जा सकती है। मलेरिया विरोधी दवाई भी रहेगी, हाथों हाथ जांच करके मलेरिया के विरुद्ध दवाइयां दी जा सकेंगी। डेंगू की जांच फीवर किलनिक पर सिरम लेकर की जाएगी।
सेक्टर अधिकारियों की ट्रेनिंग में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा कि सेक्टर ऑफिसर का कार्य अपने दल के मूवमेंट पर नजर रखना है, इसके साथ ही सुपर विजन मुख्य कार्य है। सेक्टर ऑफिसर अपने दल के व्हाट्सएप ग्रुप बना लें, ग्रुप पर जानकारियों का आदान-प्रदान होगा। प्रत्येक सर्वे दल प्रतिदिन कम से कम 100 परिवारों तक पहुंचकर सर्वेक्षण कार्य करेगा। अपना माइक्रोप्लान भी प्रतिदिन बनाना पड़ेगा। सर्वे दलों को आवश्यक इक्विपमेंट उपलब्ध करा दिए गए हैं, रिजर्व इक्विपमेंट भी दिए जाएंगे। कोई भी गंभीर किस्म का मरीज मिलता है तो उसको तत्काल भर्ती कराने का कार्य भी सर्वे दल द्वारा किया जाएगा इसलिए एंबुलेंस लोकेशन तथा अन्य आवश्यक जानकारियां सेक्टर ऑफिसर अपने पास रखें।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सर्वे दलों को मास्क और ग्लब्स भी उपलब्ध कराए गए हैं। थर्मल स्कैनर की एक्स्ट्रा बैटरी अपने साथ रखें। कलेक्टर ने कहा कि सर्वे दल के चार मुख्य कार्य होंगे, मरीज की पहचान करके लक्षण के आधार पर उसे होम आइसोलेट करवाना या घर छोटा हो तो अपने क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार से संपर्क करके सात दिवस संस्थागत आइसोलेट करवाना पड़ेगा। आइसोलेशन में अगर व्यक्ति में लक्षणों में बढ़ोतरी आती है तो उसका सैंपल टेस्ट करवाना होगा। अगर पॉजिटिव आता है तो उसका उपचार करवाना है।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में अधिकाधिक सैंपलिंग की जाना है। जिन व्यक्तियों में बीमारी के लक्षण हैं या जो व्यक्ति बाहर से आए हैं प्राथमिकता से उनके सैंपल लिए जाना है। कलेक्टर ने सेक्टर मेडिकल ऑफिसर को निर्देश दिए कि होम क्वॉरेंटाइन के स्टीकर और संबंधित परिवार से अंडरटेकिंग के लिए जरूरी फार्म साथ में रखें। सैंपल लेने पर आरटीपीआरसी फॉर्म अनिवार्य रूप से भरना है। ट्रेनिंग में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संदीप केरकेट्टा ने सर्वेक्षण दलो द्वारा फील्ड में किए जाने वाले कार्य तथा आवश्यकता पत्रों की पूर्ति की जानकारी ट्रेनिंग के दौरान दी। सीएमएचओ डॉक्टर ननावरे और डॉक्टर प्रमोद प्रजापति ने भी आवश्यक जानकारियां दी। अभियान 15 जुलाई तक चलेगा।