इंदौर. माफिया अभियान में 8 महीने से फरार चल रहे सवा लाख के इनामी जीतू सोनी को इंदौर क्राइम ब्रांच ने गुजरात से गिरफ्तार कर लिया है। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने इसकी पुष्टि की। 4 दिन पहले ही जीतू के फरार भाई महेंद्र सोनी को पुलिस ने गुजरात के अमरेली से गिरफ्तार किया था। महेंद्र पर 10 हजार रुपए का इनाम था। इंदौर क्राइम ब्रांच की 12 से ज्यादा टीमें गुजरात में डेरा जमाए थीं। माना जा रहा है कि जल्द ही इंदौर पुलिस पूरे मामले का खुलासा करेगी।
हनी ट्रैप कांड का खुलासा होने के बाद जीतू सोनी पर पुलिस ने 56 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की थी। वहीं, करीब 40 केसों में उसके साथ परिवार के सदस्यों को भी अलग-अलग कर आरोपी बनाया है। पुलिस को महेंद्र की मानव तस्करी समेत दो मामलों में तलाश थी। पुलिस ने जीतू के बेटे अमित सोनी को 6 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में जमानत में मिल गई थी।
बताया जाता है कि 4 दिन पहले पुलिस रेड की सूचना मिलते ही जीतू सोनी राजकोट स्थित एक फार्म हाउस से भाग गया था। शुक्रवार को दोबारा लोकेशन निकाली गई और छह टीमों ने अलग-अलग जगहों पर छापे मारे। इस बार भागने का मौका नहीं दिया और जीतू को गुजरात और मप्र के बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया। उसे रविवार सुबह 11 बजे क्राइम ब्रांच की टीम इंदौर लेकर पहुंची। यहां उससे पूछताछ की जा रही है।
तबीयत खराब होने से नहीं हो सकी महेंद्र से पूछताछ
एक दिन की रिमांड खत्म होने के बाद महेंद्र सोनी को शुक्रवार को पलासिया पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उसे 15 दिन के लिए जेल भेजने के आदेश दिए। महेंद्र को गले में कैंसर है। पलासिया थाना प्रभारी विनोद दीक्षित की टीम रातभर उसकी निगरानी करती रही। उसे बोलने में भी ब्लड आ रहा था, इसलिए ज्यादा पूछताछ नहीं हो सकी। महेंद्र ने सेशन कोर्ट में जमानत याचिका लगाई है, उस पर 27 जून को सुनवाई होगी। महेंद्र, भाई हुकुम सोनी और जीतू सोनी के साथ मानव तस्करी में भी आरोपी है।
दिसंबर 2019 में सामने आया था मामला
एक दिसंबर 2019 को पुलिस को सूचना मिली थी कि लोकस्वामी अखबार के मालिक जीतू सोनी और अन्य द्वारा शहर में बिना अनुमति के होटल माय होम में डांस बार चलाया जा रहा है। यहां पर कई युवतियाें को बंधक बनाकर काम कराया जा रहा है। होटल में अवैध गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने गीता भवन चौराहे के पास होटल में छापा मारा। होटल की तलाशी लेने पर छोटे-छोटे कमरों में 67 युवतियां मिलीं जो अन्य राज्यों की थी और काफी गरीब घरों से थीं। होटल के मालिक और संचालक द्वारा इन लड़कियों से नाच-गाना कराया जाता था। बाउंसर और अन्य व्यक्तियों के जरिए इन युवतियों को बंधक बनाकर यौन शौषण भी किया जाता था।