भोपाल. मौत छू कर निकल जाना। इस कहावत के मायने काजी कैंप निवासी इरशाद, उनकी पत्नी हमेशा याद रखेंगे। दोनों शनिवार दोपहर बड़े तालाब किनारे वीआईपी रोड की रैलिंग के पास अपने तीन साल के बेटे अलबसर के साथ खड़े थे। बेटा मां की गोद में था। अचानक ही वह गोद से फिसलकर तालाब में जा गिरा। अलबसर जहां गिरा, वहां 20 फीट से ज्यादा पानी है। एक पल के लिए मां-बाप को आंखों के सामने दुनिया उजड़ती नजर आई। लेकिन, कहते हैं- जाको राखे साइयां, मार सके न कोय। उनकी चीख-पुकार सुनकर पास ही आइसक्रीम का ठेला लगाकर खड़े हरिओम वर्मा ने हिम्मत दिखाई और चंद सेकंड बाद ही तालाब में कूद गए।
उन्होंने बच्चे को गहराई में जाने से पहले पकड़ लिया। कुछ देर में गोताखोर बोट लेकर पहुंच गए। हरिओम ने बच्चे को बोट पर रखा और उसके पेट का पानी निकाला तो वह होश में आ गया। सूचना मिलने पर डायल 100 मौके पर पहुंची और बच्चे को हमीदिया अस्पताल पहुंचाया।
बच्चा मां के पास पहुंचा दिया, मेरे लिए इससे बड़ी खुशी नहीं
जहां दंपती बच्चे के साथ खड़े उससे कुछ ही दूरी पर मैं आइसक्रीम का ठेला लगाकर खड़ा था। वे लोग रेलिंग के पास ही खड़े थे। इसी बीच मुझे महिला की चीख सुनाई दी। बच्चा गोद में नहीं था, मुझे समझ आ गया कि क्या हुआ है। इसलिए बिना देर किए मैं तत्काल तालाब में कूद गया। बच्चे को गिरे थोड़ा वक्त बीता था, इसलिए वह गहराई में नहीं जा पाया था। बच्चे को सकुशल मां के पास पहुंचा दिया, इससे बड़ी खुशी की बात क्या हो सकती है।
-हरिओम वर्मा, आइसक्रीम ठेला संचालक