नई दिल्ली। निर्भया के चारों दुष्कर्मियों को कल सुबह 5.30 बजे फांसी लगना लगभग तय है। दिल्ली की सेशंस कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर सुनवाई के बाद फांसी का आदेश फिलहाल सुरक्षित रख लिया है। गुरुवार को एक दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो गई। वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पवन और अक्षय ठाकुर की दूसरी दया याचिका नामंजूर कर दी। सरकारी वकील ने सेशंस काेर्ट में बताया कि चारों दोषियों के पास अदालत में अब कोई विकल्प बाकी नहीं है। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुकेश सिंह की याचिका पर दोपहर 2.30 बजे सुनवाई होगी।
सेशंस कोर्ट में बुधवार को दोषी अक्षय सिंह ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता ने याचिका लगाई थी, जिसमें फांसी पर रोक लगाने की बात कही गई थी। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा को सरकारी वकील ने बताया कि अक्षय और पवन की दूसरी दया याचिका इस आधार पर खारिज कर दी गई, क्योंकि पहली दया याचिका पर ही फैसला ले लिया गया था। इस बीच तिहाड़ में दो सहायक अधीक्षकों दीपक शर्मा और जय सिंह को तैनात किया गया है।
तीन डेथ वॉरंट खारिज
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पहली बार- 22 जनवरी को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी, लेकिन टल गई।
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दूसरी बार- 1 फरवरी को फांसी देने का डेथ वॉरंट जारी किया गया, लेकिन फांसी नहीं हुई।
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तीसरी बार- 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी, लेकिन दोषी पवन के पास कानूनी विकल्प बचे होने के चलते फांसी टली।
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चौथी बार- दिल्ली कोर्ट ने 5 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी का आदेश हुआ।
16 दिसंबर 2012: 6 दोषियों ने निर्भया से दरिंदगी की थी
दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर 2012 की रात 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के 9 महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों...राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है।