इस्लामाबाद। बीते तीन दिनों में पाकिस्तान में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है और ये फिलहाल बढ़कर 304 हो गए हैं. हालांकि इमरान सरकार ने ईरान से सटी सीमा पर कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए जो क्वॉरंटीन कैंप्स बनाए हैं वो सवालों के घेरे में आ गए हैं.
अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन क्वॉरंटीन कैंप्स की सिर्फ क्वालिटी ही काफी ख़राब नहीं है इसके अलावा इन्हें कचरे के ढेर के नज़दीक बना दिया गया है. कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इन कैंप्स की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए इमरान सरकार की तीखी आलोचना की है. पाकिस्तान के सिंध प्रोविंस में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं. सिंध के हेल्थ मिनिस्टर के प्रवक्ता मरीन युसूफ के मुताबिक पाकिस्तान में कोरोना के मामले ख़राब इंतज़ाम नहीं बल्कि पॉजिटिव लोगों को बीमारी की कम जानकारी होने के चलते बढ़ रहे है.
सवालों के घेरे में इमरान सरकार
ईरान सीमा पर स्थित ताफ्तान कैंप के लोगों ने अल जजीरा को बताया कि यहां रहने की हालत बेहद ख़राब है और खाने-पीने के लिए भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान ने कोरोना के लिए जो प्रोसिजर बनाया है उसके मुताबिक पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आने वाला शख्स अगर टेस्ट में नेगेटिव भी पाया जाता है तो भी उसे 14 दिन तक क्वारंटीन कैंप में ही रहना होगा.
हालांकि क्वारंटीन कैंप चला रही अथॉरिटी ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता लियाकत शहवानी सफाई देते हैं कि WHO के सुझाए नियमों के मुताबिक ही सारा काम किया जा रहा है.
हालांकि कैंप में रह रहे आमिर अली ने सोशल मीडिया पर कई ऐसी तस्वीरें शेयर की हैं जो कि वहां की बदहाली बयान कर रही हैं. आमिर के मुताबिक इन कैंप में अब रहने की जगह ही नहीं बची है. इसके अलावा लोगों को खाने और दवाई की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है. सोशल मीडिया के जरिए सामने आई तस्वीरों और वीडियो में गंदगी और अव्यवस्था साफ़ नज़र आ रही है.