रावण और मारीच का प्रसंग; जब भी कोई बुरा व्यक्ति हमारे सामने झुकता है तो हमें और ज्यादा सतर्क हो जाना चाहिए, वरना हम मुसीबत में फंस सकते हैं

Posted By: Himmat Jaithwar
6/25/2020

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस में रावण और मारीच के एक प्रसंग बताया गया है। इस प्रसंग में रावण सीता का हरण करने की इच्छा से मारीच के पास पहुंचता है। वह मारीच की मदद से सीता का हरण करना चाहता था। इस प्रसंग में बताया गया है कि जब कोई बुरा व्यक्ति हमारे सामने झुकता है तो हमें सतर्क हो जाना चाहिए।

रावण सीता का हरण करने के लिए लंका से निकलकर अपने मामा मारीच के पास पहुंचता है और प्रणाम करता है। मारीच रावण को झुका देखकर समझ जाता है कि अब भविष्य में कोई संकट आने वाला है।
इस संबंध श्रीरामचरित मानस में लिखा है कि-

नवनि नीच कै अति दुखदाई। जिमि अंकुस धनु उरग बिलाई।।

भयदायक खल कै प्रिय बानी। जिमि अकाल के कुसुम भवानी।।

इस चौपाइयों का सरल अर्थ यह है कि रावण को इस प्रकार झुका देखकर मारीच सोचता है कि किसी नीच व्यक्ति का नमन करना भी दुखदाई है। मारीच रावण का मामा था, लेकिन रावण राक्षसराज और अभिमानी था। वह बिना कारण किसी के सामने झुक नहीं सकता था। मारीच ये बात जानता था और उसका झुकना किसी भयंकर परेशानी का संकेत था। तब भयभीत होकर मारीच ने रावण को प्रणाम किया।

मारीच सोचता है कि जिस तरह कोई धनुष झुकता है तो वह किसी के लिए मृत्यु रूपी बाण छोड़ता है। जैसे कोई सांप झुकता है तो वह डंसने के लिए झुकता है। जैसे कोई बिल्ली झुकती है तो वह अपने शिकार पर झपटने के लिए झुकती है। ठीक इसी प्रकार रावण भी मारीच के सामने झुका था। किसी नीच व्यक्ति की मीठी वाणी भी बहुत दुखदायी होती है, यह ठीक वैसा ही है जैसे बिना मौसम का कोई फल। मारीच अब समझ चुका था कि भविष्य में उसके साथ कुछ बुरा होने वाला है।

रावण मारीच को स्वर्ण मृग बनकर सीता को लुभाने के लिए कहता है। मारीच रावण की बात टाल नहीं सकता था। इसीलिए वह स्वर्ण मृग बनकर सीता के सामने पहुंच गया। सीता ने सोने के हिरण को देखकर श्रीराम से उसे लेकर आने के लिए कहा। सीता की इच्छा पूरी करने के लिए श्रीराम हिरण के पीछे चले गए। श्रीराम के बाण से मारीच मारा गया। कुछ देर बाद लक्ष्मण भी श्रीराम की खोज में चले गए और रावण ने सीता का हरण कर लिया।

इस प्रसंग की सीख यह है कि हमें बुरे लोगों से सावधान रहना चाहिए। जब ऐसे लोग हमारे सामने झुकते हैं तो और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता रहती है। वरना हम मुसीबतों में फंस सकते हैं।



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