रतलाम। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा राज्य के प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पर ही रोजगार दिलाने की व्यापक पहल से रतलाम जिले के प्रवासी श्रमिक भी बहुत खुश हैं। इनमें सैलाना विकासखंड के खानया का टापरा का शांतिलाल डिंडोर भी शामिल है। शांतिलाल भी बहुत खुश है कि उसे अपने घर पर रोजगार मिल गया।
जिले के शिवगढ़ के समीप खानिया का टापरा गांव का रहने वाला शांतिलाल डिंडोर लॉकडाउन के पूर्व राजस्थान के प्रतापगढ़ में मजदूरी के लिए गया था, वहां ठेकेदार के पास कार्य करता था लेकिन कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगने से ठेकेदार ने काम देना बंद कर दिया। शांतिलाल परेशान हो गया था, रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। इसी बीच मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा प्रदेश के मजदूरों को लाने के लिए की गई विशेष पहल के फलस्वरुप शांतिलाल भी अपने गृह जिले और गृह गांव आ गया। घर आने के बाद चिंता थी कि अब क्या करेंगे लेकिन यहां भी राज्य शासन उसके साथ था, मुख्यमंत्री ने प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए विशेष अभियान आरंभ किया। शांतिलाल के गांव में जल संसाधन विभाग द्वारा नहर निर्माण का कार्य आरंभ किया गया। यह कार्य प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए था। शांतिलाल को भी उस में रोजगार मिल गया। अब शांतिलाल और उसका परिवार बहुत खुश है। शांतिलाल को प्रतिदिन 400 रूपए मजदूरी राशि मिल रही है, वह एक माह से काम कर रहा है, उसके चेहरे पर मुस्कान हैं। इसके लिए शांतिलाल मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को धन्यवाद देता है कि उसके और उसके जैसे प्रवासी श्रमिकों के लिए राज्य शासन ने अपने घर पर ही रोजगार देने की व्यवस्था की है और बड़ा संबल प्रदान किया है।