नेपोटिज्म और खेमेबाजी को लेकर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री विवादों में घिरी हुई है। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद जहां बॉलीवुड सवालों के कटघरे में खड़ा है तो वहीं, अब इसकी आंच छोटे पर्दे तक पहुंच गई है।
सीरियल 'एफआईआर' में इंस्पेक्टर चंद्रमुखी चौटाला की भूमिका से लोकप्रिय हुईं कविता कौशिक का आरोप है कि सिर्फ नेपोटिज्म ही नहीं और भी कई तरीकों से एक्टर्स को प्रताड़ित किया जाता है। उनके मुताबिक, स्टारकिड्स पर हमला करना बेकार है। सबको असली बुराइयों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
गंभीर आरोप- हरियाणवी पुलिस का किरदार रिपीट नहीं करने दिया जा रहा
कविता का आरोप है कि उनके शो 'एफआईआर' को बंद हुए पांच साल हो गए हैं। लेकिन मेकर्स अभी भी उन्हें कहीं और वैसी भूमिका नहीं करने दे रहे। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए आपबीती साझा की है।
एक्ट्रेस ने एक ट्वीट में लिखा- कल ही मुझे याद दिलाया गया कि अगर मैंने कहीं भी हरियाणवी पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका रिपीट की तो मुझपर मुकदमा दायर किया जाएगा। जबकि 5 साल पहले चैनल शो को बंद कर चुका है। इतना ही नहीं, दर्शकों की बेहद डिमांड के बावजूद इसे दोबारा शुरू नहीं किया जा रहा। और आप मूवी माफिया की बात करते हैं। क्यूट।
कविता ने अगले ट्वीट में लिखा है- जब मैंने बताया कि मैं हरियाणवी लेडी कॉप और पंजाबी मेल कॉप के कॉन्सेप्ट पर एक फिल्म करने की प्लानिंग कर रही हूं तो मुझे स्पष्टतौर पर यह (मुक़दमे वाली बात) कहा गया। फिर जब मैंने उन्हें याद दिलाया कि कैसे उनके मराठी कॉप को रिप्लेस कर हरियाणवी कॉप चंद्रमुखी का आइडिया मैंने ही दिया तो तो उन्होंने मुंह पर तुनककर कहा, 'तब आपको उसके लिए पैसा दिया गया था।'
'चैनल/प्रोड्यूसर कॉन्ट्रैक्ट के जाल को भी एन्जॉय करते हैं'
आखिरी ट्वीट में कविता ने इस ओर ध्यान दिलाया कि एक्टर्स, जिन समस्याओं से जूझते हैं, उनमें अकेला नेपोटिज्म ही नहीं है। वे लिखती हैं- चैनल और प्रोड्यूसर रॉयलटी, एक्टर्स और टेक्नीशियंस द्वारा मिलकर बनाए गए प्रोडक्ट के राइट्स, बदनाम करने की ताकत और कॉन्ट्रैक्ट के जाल को भी एन्जॉय करने हैं। स्टारकिड्स पर बेकार में हमला करने की बजाय असली बुराइयों से लड़ो।