बिहार में निवेश के लिए राज्य सरकार लगातार कंपनियों से संपर्क कर रही है। अब सरकार की कोशिशें रंग लाती हुई दिख रही हैं। आईटीसी और अजंता समेत चार कंपनियों ने राज्य में निवेश करने की इच्छा जताई है। इसमें एक एफएमसीजी कंपनी भी शामिल है। बिहार सरकार राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए कई लुभावने ऑफर भी दे रही है, जिसमें 2500 एकड़ जमीन भी शामिल है।
उद्योग मंत्री श्याम रजक ने निवेश को इच्छुक कंपनियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आईटीसी, सूर्या फूड एंड एग्रो लिमिटेड और अजंता शूज (इंडिया) ने बिहार में निवेश करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि अभी यह शुरुआती चरण में है। कंपनियों के अधिकारी आने वाले थे लेकिन कोरोना के चलते सब काम रुका हुआ है। हालात सामान्य होने पर अधिकारी चर्चा करने के लिए बिहार आएंगे। श्याम रजक ने कहा कि आईटीसी बड़े निवेश की योजना बना रही है। यह मुंगेर और पूर्णिया में लगने वाले छोटे यूनिट्स से अलग होगा। उन्होंने यभी कहा कि हमने अन्य कंपनियों से भी बिहार में निवेश करने के लिए संपर्क साधा था। हालांकि इस बारे में उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी।
बिहार सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि एक प्रमुख फल और अनाज उत्पादक राज्य होने के नाते यहां फूड प्रोसेसिंग यूनिट में निवेश के लिए बहुत गुजांइश है। सरकार इसके लिए इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी में भी बदलाव करने की योजना बना रही है। एक सूत्र ने बताया कि एक कंपनी मुजफ्फरपुर और पटना में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने को इच्छुक है। कंपनी की टेक्निकल टीम जमीन की उपलब्धता और यूनिट के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को देखने के लिए यहां का दौरा करने वाली है।
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच एक अनुमान के मुताबिक 21 लाख प्रवासी मजदूर बिहार लौटे हैं। सरकार की कोशिश है कि राज्य में उद्योग-धंधा में अगर निवेश आता है तो रोजगार का सृजन होगा और प्रवासी श्रमिकों को काम मिलेगा। हालांकि इन चारों कंपनियों की तरफ से अभी निवेश की राशि के बारे में कुछ जानकारी नहीं आई है। सरकार राज्य में पर्याप्त श्रम बल की उपलब्धता होने का हवाला देकर भी कंपनियों को राज्य में निवेश के लिए कह रही है।