रतलाम। रेल मंडल में मनरेगा अंतर्गत रेलवे के काम करवाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। मंडल में इसके लिए एक दर्जन कलेक्टर के साथ बात करने के लिए मंडल इंजीनियर्स को डीआरएम विनीत गुप्ता ने कहा है। सोमवार से इस चर्चा का दौर शुरू होगा। रेलवे की समस्या यह है कि विभिन्न कार्य मशीन से अधिक होते है, जबकि मनरेगा में पूरे कार्य मानव श्रम से होते है, इसलिए कलेक्टर के साथ सामंजस्य बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी।
रेलवे में इस समय रतलाम रेलवे स्टेशन, इंदौर, उज्जैन, चित्तौडग़ढ़-चंदेरिया, शुजालपुर उज्जैन, इंदौर - देवास - उज्जैन सहित दो दर्जन से अधिक स्थान पर विभिन्न तरह के निर्माण कार्य, रखरखाव कार्य, ब्रिज के कार्य, टनल के कार्य, नई लाइन डालने का कार्य आदि चल रहा है। इन कार्यो में मानव श्रम के अतिरिक्त मशीन का बड़ा उपयोग होता है। रेलवे की प्राथमिकता समय सीमा में कार्य को करवाने की रहती है। इसलिए पहली चुनौती ही मनरेगा अंतर्गत मानव को अधिक श्रम देने की है। इसलिए रेलवे ने अपने मंडल इंजीनियर्स को कहा है कि वे पूरी सूची सेक्शन अनुसार बनाए जिससे स्थानीय स्तर पर कलेक्टर से बात करके रेल मंत्री पीयूष गोयल की मंशा अनुसार मनरेगा के कार्य शुरू किए जा सके।
इन जिलो के कलेक्टर से बात
रेल मंडल में अधिकारी इंदौर, उज्जैन, भोपाल, शाजापुर, धार, दाहोद, रतलाम, मंदसौर, नीमच, चित्तौडग़ढ़, गोधरा, झाबुआ सहित मंडल में शामिल अन्य जिलों के कलेक्टर से बात सोमवार से शुरू करेंगे। इसके लिए प्राथमिकता से मनरेगा में क्या कार्य करवाए जा सकते है इसकी सूची बनाने का कार्य शनिवार को चलता रहा है। रेलवे के डीआरएम विनीत गुप्ता के मुताबिक जल्दी ही कलेक्टर से चर्चा करके मनरेगा में रेलवे के कार्य शुरू करवाए जाएंगे।