इंदौर. इंदौर में पान-मसाले में मिली 233 करोड़ की टैक्स चोरी के साथ ही सिगरेट फैक्टरी पर छापे में भी 105 करोड़ की टैक्स चोरी मिली है। इसे ऑपरेशन कर्क-2 नाम दिया गया है। यह खुलासा डायरेक्टर जरनल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) ने सोमवार को किया। पान-मसाले के साथ ही सिगरेट की टैक्स चोरी में भी आरोपी किशोर वाधवानी को ही मास्टरमाइंड बताया गया है। रिमांड खत्म होने के बाद डीजीजीआई ने वाधवानी को इंदौर जिला कोर्ट में पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट बृजेश सिंह ने वाधवानी को 30 जून तक जेल भेज दिया।
सुनवाई के दौरान विभाग की ओर से विशेष लोक अभियोजक चंदन एरन ने कहा कि वाधवानी ने 300 करोड़ की टैक्स चोरी कर गंभीर आर्थिक अपराध किया है, उनके पास दुबई का रेसीडेंस वीसा भी है, छोड़ा तो वह दुबई भाग सकता है। वहीं, वाधवानी के वकील ने कहा कि वह अपना जीएसटी रिटर्न भरना चाहते हैं, इसकी मंजूरी दी जाए। इस पर 24 जून को सुनवाई होगी। विभाग ने कोर्ट को बताया कि जीएसटी ने अपंजीकृत गोदाम भी पकड़े हैं, जिनमें कई सिगरेट ब्रांड की पैकिंग सामग्री 5000 डिब्बे (1 डिब्बे में 12 हजार सिगरेट) मिले हैं। इसकी कुल कीमत 27 करोड़ है।
पैकिंग सामग्री देने वाले कारोबारियों के मुताबिक वे हर माह करीब 1500 बाॅक्स भेजते थे। यानी इनमें पैक सिगरेट की कीमत 8 करोड़ रु. होती है। इस हिसाब से हर माह 8 करोड़ की सिगरेट बेची जा रही थी। इसमें 95% यानी करीब 7.5 करोड़ का कारोबार टैक्स चोरी कर हो रहा था।
सभी सेक्टर के 500 से ज्यादा कारोबारियों को मंजूरी, इसमें टैक्स चोरी का ईश्यू नहीं-कलेक्टर
इसी बीच, जिला प्रशासन द्वारा 20 मई को 35 पान मसाला कारोबारियों को माल परिवहन की मंजूरी दिए जाने को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट राजेंद्र सिंह अटवाल ने डीजीजीआई को लिखित शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि लॉकडाउन में जब जरूरत की सभी सामग्रियों की आवाजाही बंद थी, तब कलेक्टर मनीष सिंह और सांसद शंकर लालवानी द्वारा वाधवानी के 70 वाहनों को परिवहन की मंजूरी दी गई। इनकी भूमिका की जांच होना चाहिए। इस मामले में कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि लॉकडाउन में अलग-अलग सेक्टर के 500 से ज्यादा कारोबारियों को माल परिवहन की मंजूरी दी गई, इसमें पान मसाले वाले भी हैं। ऐसा सभी जिलों में हुआ और इसमें टैक्स चोरी का कोई इश्यू नहीं था। वाहन पास जारी नहीं हुए थे। फोन कॉल वाली बात भी भ्रामक है। वहीं, सांसद ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या एसोसिएशन को अलग से मंजूरी नहीं दी गई, उनकी समस्या सुनकर ही दी गई।
अखबार की कॉपियां 6000, बताई डेढ़ लाख, इसमें लगाया टैक्स चोरी का धन
जांच में खुलासा हुआ है कि मास्टरमाइंड द्वारा मीडिया हाउस का उपयोग कर टैक्स चोरी की राशि को इसमें लगाया गया। इसके िलए समाचार पत्र के वितरण की प्रतियां सवा लाख से डेढ़ लाख हर दिन दिखाई गईं, जबकि वास्तविकता में यह हर दिन केवल चार से छह हजार ही थी। अखबारों की फर्जी बिक्री व भारी मात्रा में विज्ञापन की आय दिखाकर अवैध धन टैक्स चोरी वाला जो नकद में आ रहा था, उसे सफेद किया गया।
एक साल की टैक्स चोरी 105 करोड़, दो सालों में टैक्स 3.55 करोड़ दिया
डीजीजीआई ने ऑपरेशन कर्क-2 को लेकर बताया कि विभाग द्वारा मेसर्स एलोर टोबैको लिमिटेड, 14 बी, सेक्टर एफ सांवेर रोड पर छापा मारा गया था जिसमें ब्रांडेड सिगरेट का अवैध निर्माण, बिक्री पाई गई। कंपनी द्वारा बीते दो सालों में कुल तीन करोड़ 55 लाख रुपए का टैक्स दिया गया, जबकि केवल एक साल में ही अप्रैल 2019 से मई 2020 के दौरान 105 करोड़ की टैक्स चोरी पाई गई है।