भोपाल। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे अपर मुख्य सचिव (ACS) राधेश्याम जुलानिया को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल का अध्यक्ष बनाया है। इसी के साथ एक बार फिर राधेश्याम जुलानिया सुर्खियों में आ गए हैं।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि एसीएस जुलानिया की पदस्थापना को लेकर पिछले कई दिनों से विचार-विमर्श चल रहा था। मध्य प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में श्री जुलानिया को सीएम श्री शिवराज सिंह चौहान का काफी नजदीकी माना जाता है इसलिए उनकी पदस्थापना में कई बातों का ध्यान रखा जाना था। मिनिस्ट्री में उन्हें कोई भी डिपार्टमेंट नहीं दिया जा सकता था क्योंकि चीफ सेक्रेटरी श्री इकबाल सिंह बैंस उनसे जूनियर है।
श्री राधेश्याम जुलानिया को नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष बनाने की चर्चा भी शुरू हुई थी, किंतु वहां इसलिए पदस्थ नहीं किया जा सकता था कि अभी हाल में ही मुख्यमंत्री ने एसीएस आईसीपी केशरी को पदस्थ किया है। आईसीपी केशरी भी सीएम शिवराज सिंह चौहान की गुड बुक में टॉप पर आते हैं। इसलिए मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की चेयरमैन पोस्ट ही एक ऐसा विकल्प थी जो जुलानिया के काबिल लगे।
एमपी बोर्ड में श्री राधेश्याम जुलानिया की पदस्थापना के साथ ही चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या राधेश्याम जुलानिया माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्यप्रदेश में वह सब कुछ कर पाएंगे जिसकी जरूरत वर्षों से महसूस की जा रही है। प्रश्न इसलिए भी उपस्थित हो रहा है क्योंकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि श्री जुलानिया को एमपी बोर्ड के हालात बदलने के लिए चेयरमैन बनाया गया है या फिर इसके पीछे कोई और भी कारण है।