भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर आम जनता ने पूरी गंभीरता के साथ लॉकडाउन के नियमों का पालन किया और अब केंद्र व राज्य सरकारें लॉकडाउन में हुए घाटे की भरपाई के लिए जनता को तंग करने वाले फैसले ले रही है। रेलवे बोर्ड ने तय किया है कि ऐसी सभी पैसेंजर ट्रेन को बंद कर दिया जाएगा दिन में यात्रियों की संख्या हमेशा उपलब्ध सीट से ज्यादा रहती है। पैसा कमाने के लिए रेलवे बोर्ड गरीबों की पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस में बदल रहा है। नतीजा, जनरल बोगी की संख्या ना के बराबर रह जाएगी, किराया लगभग ₹60 प्रति व्यक्ति बढ़ जाएगा और छोटे-छोटे स्टेशन पर स्टॉपेज खत्म हो जाएंगे।
गरीबों की पैसेंजर ट्रेन बंद करने जा रहा है रेलवे बोर्ड
खबर आ रही है कि रेलवे बोर्ड पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाने जा रहा है। रेलवे बोर्ड के सूत्रों की माने तो इसमें 200 किलोमीटर के दायरे में चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों को शामिल करना है। रेलवे का दावा है कि पैसेंजर को एक्सप्रेस बनाने से उसकी रफ्तार बढ़ जाएगी, यात्री एक से दूसरे स्टेशन के बीच जल्दी पहुंचेंगे। ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाने से उनमें एक्सप्रेस श्रेणी का किराया लगेगा, जो पैसेंजर श्रेणी की तुलना में प्रति यात्री औसतन 50 से 60 रुपये (प्रत्येक श्रेणी में) अधिक होगा।
मध्य प्रदेश की 4 पैसेंजर लिस्ट में
इसमें भोपाल रेल मंडल से चलने वाली भोपाल-जोधपुर, भोपाल-इटारसी विंध्याचल, झांसी-इटारसी आदि पैसेंजर ट्रेनों को शामिल किया जाना है। इन ट्रेनों में ज्यादातर कम आय वाले स्थानीय यात्री सफर करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक एक पैसेंजर ट्रेन में एक दिन में 1200 से 1500 यात्री सफर करते हैं। इस तरह भोपाल रेल मंडल की चार पैसेंजर ट्रेनों में एक दिन में 6 हजार यात्री सफर करते हैं। प्रत्येक यात्रियों को 50 से 60 रुपये अधिक चुकाना होगा।
छोटे स्टेशनों पर स्टॉपेज भी खत्म किए जाएंगे
हमेशा से रेलवे जब भी पैसेंजर को एक्सप्रेस ट्रेन बनाता है तो उसकी रफ्तार बढ़ाई जाती है। ऐसा तभी संभव हो पता है जब ट्रेन के छोटे-छोटे स्टापेज को खत्म किया जाए। इस तरह पैसेंजर ट्रेनें एक्सप्रेस बन गईं तो वे छोटे स्टेशनों पर नहीं रुकेंगी और इस तरह स्थानीय यात्रियों को नुकसान होगा।
पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाना है या नहीं, इस संबंध में रेलवे बोर्ड निर्णय लेगा। मंडल को जैसे निर्देश मिलेंगे, उनका पालन करेंगे। -आईए सिद्दीकी, प्रवक्ता भोपाल रेल मंडल