उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर 32वीं बटालियन में पदस्थ प्रधान आरक्षक की हत्या के मामले का शनिवार को पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। मृतक की पत्नी ने सीआरपीएफ के जवान के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। दोनों के बीच प्रेम संबंध हैं। गुरुवार रात हत्या से पहले आरोपित जवान घर की एक अलमारी में छह घंटे तक छुपा रहा। सुबह चार बजे प्रधान आरक्षक की पत्नी का इशारा मिलते ही वह अलमारी से बाहर आया। इसके बाद दोनों ने मिलकर प्रधान आरक्षक का मुंह तकिये से दबा दिया, फिर गले पर वार किए।
इससे प्रधान आरक्षक की मौत हो गई। बाद में शव छत पर रख दिया। शंका होने पर पुलिस ने पत्नी से पूछताछ की तो पूरे मामले से पर्दा उठ गया। आरोपित पत्नी ने पुलिस को यह भी बताया कि हत्या की साजिश रचने के बाद उसने प्रेमी के साथ मिलकर हेड कांस्टेबल का 40 लाख रुपये का बीमा भी करवाया था। राशि मिलने के बाद वे इसे आपस में बांटने वाले थे। एएसपी अमरेंद्रसिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह देवास रोड स्थित 32वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल 32 वर्षीय बलवीरसिंह का शव घर की छत पर पड़ा मिला था। शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि मृतक की गले की हड्डी टूटी हुई है। गले में खून का थक्का भी जमा हुआ था। मामला हत्या का होने से जांच शुरू की गई। पत्नी से उसके संबंध अच्छे नहीं थे। पुलिस ने इसी आधार पर पत्नी रेखाबाई को थाने बुलाकर सख्ती से पूछताछ की।
पुलिस की पूछताछ में पत्नी ने कबूला कि उसने अपने पति की हत्या अपने प्रेमी व सीआरपीएफ जवान रवि कुमार निवासी पनिका शहडोल के साथ मिलकर की है। रवि फिलहाल जगदलपुर में तैनात है। दोनों ने मिलकर हेड कांस्टेबल का मुंह तकिये से दबाकर उसके गले पर हाथ से ही वार किए थे। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस को गुमराह करने के लिए रवि ने रेखा को घर के अंदर ही बंद कर दरवाजा बाहर से लगा दिया था। पुलिस ने पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित सीआरपीएफ जवान फरार है।