भोपाल। भारत के ज्यादातर लोग भारतीय स्टेट बैंक पर भरोसा करते हैं। वह भरोसा करते हैं कि एसबीआई में उनका पैसा और लॉकर में उनका सोना सुरक्षित है लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का मैनेजमेंट अपने कर्मचारियों पर नजर नहीं रखता। मध्य प्रदेश के जिला श्योपुर में एसबीआई के कैशियर ने अपनी गर्लफ्रेंड को खुश करने के लिए ना केवल बैंक से 15 किलो गोल्ड चुराया बल्कि अपने दोस्त की मदद से बैंक में वापस गिरवी रखकर गोल्ड का नकदीकरण भी कर लिया।
ध्यान से पढ़िए पूरी कहानी: मैनेजमेंट की चूक के कारण हुआ घोटाला
पुलिस अधीक्षक श्योपुर संपत उपाध्याय के मुताबिक 10 जून को ब्रांच मैनेजर की तरफ से मामला दर्ज कराया गया था। बताया गया था कि लॉकर में 101 पैकेट में रखा हुआ 15 किलो गोल्ड गायब है। एसपी संपत उपाध्याय ने बताया कि पहली नजर में यह मामला चोरी का नजर आ रहा था और पुलिस भी इसी दिशा में काम कर रही थी परंतु पुलिस की एक टीम बैंक कर्मचारियों की स्कैनिंग करने में लगी हुई थी। पुलिस टीम की सूझबूझ के कारण इस मामले का खुलासा हो सका जबकि प्लानिंग फुलप्रूफ थी। आरोपी इतना कॉन्फिडेंट था कि पुलिस जांच के समय हमेशा उपस्थित रहता था लेकिन फिर संदेह के दायरे में आ गया और पूछताछ के लिए राउंडअप किया गया।
बैंक के लॉकर से गोल्ड चुराकर उसी बैंक में गिरवी रख देता था
पूछताछ में राजीव पालीवाल ने बताया कि वह बैंक के लॉकर से गोल्ड चुराकर अपने दोनों दोस्तों ज्योति गर्ग और नवीन गुप्ता को देता था। फिर उसके दोस्त उसी गोल्ड को उसी बैंक में देकर लोन लेते थे। इस तरह चुराए गए गोल्ड का नकदीकरण हो जाता था। क्योंकि बैंक से चुराया गया गोल्ड बाजार में बेचना काफी मुश्किल है और फिर छोटे से जिले में इतना सारा गोल्ड भेजना निश्चित रूप से जेल के दरवाजे खोल सकता था अतः बैंक के कैशियर ने गोल्ड को कैश में बदलने के लिए या प्लान बनाया। पुलिस के मुताबिक उसके दोस्त 26 से ज्यादा बार बैंक में गोल्ड गिरवी रखकर बैंक को करोड़ों की चपत लगा चुके हैं। फिलहाल पुलिस तीनों आरोपियों से बाकी सोने के बारे में पूछताछ कर रही है।