भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमें शहरी क्षेत्रों के छोटे-छोटे व्यवसायियों को आत्मनिर्भर बनाना है। इसमें पथ विक्रेताओं को स्वरोजगार के लिए ऋण प्रदान करने की ‘प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि’ योजना सहायक होगी। मुख्यमंत्री मंत्रालय में पी.एम. स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि संबंधी बैठक ली। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव मनोज गोविल, प्रमुख सचिव नीतिश व्यास, प्रमुख सचिव संजय शुक्ला और प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी आदि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा योजना में केन्द्र सरकार 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान दे रही है, शेष अनुदान राज्य सरकार देगी। इस प्रकार शहरी पथ विक्रेता बैंक से बिना गारंटी के 10 हजार रूपए का ब्याज मुक्त ऋण मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान शहरी नगरीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रभावित वर्ग पथ विक्रेताओं का रहा है, लॉकडाउन अवधि के दौरान इनकी आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इनकी आजीविका पुन: प्रारंभ करने तथा अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा पी.एम. स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वानिधि) की घोषणा की गई है। योजना को लागू करने में मध्यप्रदेश अग्रणी है तथा यहाँ ‘मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल’ प्रारंभ कर उस पर शहरी पथ विक्रेताओं का पंजीयन भी काफी संख्या में हो गया है।
योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के सभी 378 नगरीय निकायों में 2 लाख 71 हजार 801 पथ विक्रेताओं का पंजीयन ‘मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल’ पर किया गया है। इसमें 30 प्रतिशत सब्जी विक्रेता, 9 प्रतिशत कपड़ा विक्रेता, 8 प्रतिशत फल विक्रेता तथा 7 प्रतिशत खान-पान सामग्री पथ विक्रेता है। पंजीयन का कार्य चल रहा है। ऐसे पथ विक्रेता जो 24 मार्च 2020 के पूर्व से पथ विक्रेता हैं वे इस योजना के अंतर्गत ऋण प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नगरीय निकायों में योजना का व्यावहारिक रूप से समुचित क्रियान्वयन हो तथा हर पात्र स्ट्रीट वेंडर को इसका लाभ मिले। इस बात का ध्यान रखें कि योजना लालफीताशाही में न फंस जाए।