नई दिल्ली. चीनी प्रॉडक्ट्स तोड़ना... उनमें आग लगाना... जूते-चप्पल मारना। ऐसे नजारे देशभर में अभी आम हैं। लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या हम वाकई चीनी प्रॉडक्ट्स का दिल से विरोध कर रहे हैं? ये बात इसलिए समझना जरूरी है क्योंकि देशभर में चीनी प्रॉडक्ट्स को लेकर हाहाकार मचाने वाले हमारे देशवासियों ने चीनी स्मार्टफोन वनप्लस की सभी यूनिट्स मिनटों में खरीद लीं।
दरअसल, 18 जून को अमेजन इंडिया पर वनप्लस प्रो 8 की सेल थी। इस फोन की शुरुआती कीमत 54,999 रुपए है। जब फोन की सेल शुरू हुई तो वो चंद मिनट में ही खत्म हो गई। अमेजन ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि सेल कितने मिनट में खत्म हुई, लेकिन इस दौरान इस हैंडसेट की सभी यूनिट बिक गईं।
सस्ते प्रोडक्ट्स ग्राहकों की कमजोरी
वनप्लस भारतीय बाजार में सैमसंग और एपल जैसी कंपनियों के प्रीमियम स्मार्टफोन का ऐसा विकल्प है, जो ग्राहकों को 30,000 रुपए में बेहतर स्मार्टफोन दे रही है। चीनी कंपनी वनप्लस की इस सेल से ये साफ हो गया है कि चीनी प्रॉडक्ट को लेकर जो विरोध देशभर में चल रहा है, वो फिलहाल तो शब्दों में ही नजर आ रहा है। क्योंकि सस्ते चीनी प्रॉडक्ट्स से ग्राहक फिलहाल तो खुद को दूर नहीं रख पा रहे हैं।
विरोध के सर्वे में देश आगे
शुक्रवार को काउंटरपॉइंट रिसर्च की एक रिपोर्ट में पाया गया कि मई-जून 2020 के दौरान सात देशों में किए गए सर्वेक्षण में भारतीय ग्राहकों में चीन विरोधी भावना सबसे अधिक थी। चीन में मैन्युफैक्च स्मार्टफोन के बारे में ग्राहकों की भावना को नापने के लिए किए गए सर्वेक्षण में कहा गया कि चीन का वुहान क्षेत्र कोविड-19 महामारी का शुरुआती बिंदु था।
भारत-चीन में 50 बिलियन डॉलर का व्यापार
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल की सेल में इस तरह की तेजी से ये बात साफ होती है कि भारतीयों को सस्ते में मिल रहे प्रोडक्ट से दूर रखना मुश्किल है। भारत ने मार्च अंत तक 60 अरब डॉलर से अधिक का थोक आयात किया है। बीजिंग नई दिल्ली के साथ लगभग 50 बिलियन डॉलर का व्यापार करता है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश आयात पर निर्भरता को कम करेगा।
भारत में टॉप-5 ब्रांड्स में चार चीनी
भारत में अभी टॉप-5 स्मार्टफोन ब्रांड्स में से चार चीनी कंपनियां है, जिसमें शाओमी, वीवो, रियलमी और ओप्पो शामिल हैं। इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (IDC) के अनुसार, मार्च 2020 की तिमाही में भारत में भेजे गए 32.5 मिलियन स्मार्टफोन के लगभग 76 प्रतिशत शेयर चीनी कंपनियों के हैं। जबकि दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग, जो तीसरे स्थान पर है उसका शिपमेंट 15.6 प्रतिशत शेयर है। भारत, चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार है। 2019 में यहां 152.5 मिलियन स्मार्टफोन्स की शिपमेंट हुई है।