हरियाणा के फतेहाबाद जिले में ढाणी भोजराज की ग्राम पंचायत ने सास-बहू के झगड़े में एक अजीबोगरीब फैसला सुनाते हुए एक विधवा महिला को 15 साल तक ससुराल से दूर रहने को कहा है और उसे अपनी 12 साल की बेटी से भी अलग कर दिया है।
पीड़िता राजबाला ने बताया कि उसके पति शमशेर सिंह का पिछले साल निधन हो गया था, जिसके बाद उसकी सास व ननदों ने उससे नकदी, गहने, पिता की तरफ से दिया सारा घरेलू सामान छीन लिया था। हालांकि, वह पहले से पति के साथ अलग से किराये के मकान में रह रही थी, लेकिन उस उस मकान से भी निकाल दिया गया।
न्यूज एजेंसी वार्ता के अनुसार, राजबाला ने बताया कि इसके बाद उसने न्याय दिलाने के लिए ग्राम पंचायत से गुहार लगाई। पंचायत ने अपने फैसले में महिला को उसके हिस्से की जमीन तो दिला दी पर साथ ही गांव से बाहर भी निकाल दिया। पंचायत के फैसले के अनुसार, बेटी दादी के साथ रहेगी और बेटा राजबाला के साथ रहेगा।
15 साल तक मायके में रहने का आदेश
राजबाला ने आरोप लगाया कि उनकी सास, जो उनके पति की सौतेली मां थी, उसने उन्हें 13 साल तक सताया और आशंका जताई कि अब वह उसकी मासूम बेटी को भी परेशान करेगी। पीड़िता ने यह भी कहा कि उसे मायके में जाकर रहने का आदेश दिया गया है पर वह अपने पिता के घर 15 साल कैसे रह सकती है। महिला ने प्रशासन व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से न्याय की गुहार लगाई है।
उधर ग्राम पंचायत ढाणी भोजराज के सरपंच साधू राम महला ने कहा कि शमशेर की मौत के बाद दोनों पक्षों में मौत के कारणों को लेकर मनमुटाव पैदा हो गया था, ऐसे में पंचायत ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शमशेर के हिस्से की जमीन बच्चों को दिलवा दी है और राजबाला को 15 वर्ष तक मायके में रहने को कहा गया है। बच्चों की शादी के समय उन्हें मिला दिया जाएगा।
इस बीच फतेहाबाद उपायुक्त डॉ. नरहरि बांगड़ सिंह ने सहायक उपायुक्त को मामले की जांच व उचित कार्रवाई के आदेश दिए हैं।