भोपाल। पूरे देश में लोगों को कोरोना से ज्यादा सरकारी व्यवस्थाएं रुला रही हैं। संदिग्ध व पुष्ट मरीजों के इलाज में लगातार लापरवाही हो रही है। ऐसे में कुछ मरीज मौत के मुंह में जा रहे हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को नगर निगम के कंप्यूटर ऑपरेटर अनूप मजूमदार के साथ हुई, जिससे उनकी मौत हो गई। वह कोरोना संदिग्ध थे।
कंप्यूटर ऑपरेटर अनूप मजूमदार के छोटे भाई ने बताया कि वह बुधवार सुबह से शाम तक डीआईजी बंगला स्थित एक क्लीनिक, एक मेडिकल कालेज और दो निजी अस्पतालों में भाई को लेकर इलाज के लिए भटकता रहे, लेकिन किसी ने भी उन्हें न तो इलाज दिया और न ही जांच की।
सभी इधर-उधर घुमाते रहे। थक हारकर गुरुवार सुबह हमीदिया पहुंचा, यहां इलाज शुरू होता और आक्सीजन सपोर्ट दिया जाता उससे पहले ही भाई की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि भाई को बुधवार को सांस लेने में अचानक तकलीफ हो रही थी। यदि समय पर इलाज मिल जाता तो उनकी जान नहीं जाती।
इनका कहना है
कम्प्यूटर ऑपरेटर की मौत के बाद वार्ड कार्यालय सील कर दिया है। सभी कर्मचारियों को होम क्वारंटाइन होने के निर्देश दिए गए है। शुक्रवार को सभी की सैंपलिंग की गयी ।
वीएस चौधरी कोलसानी, नगर निगम आयुक्त, भोपाल