इंदौर। कोरोनावायरस से बचाव के लिए इंदौर में प्रशासन द्वारा कई प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं जिसमें एक साथ एक स्थान पर 20 से अधिक व्यक्तियों के जमा होने पर भी रोक लगाई गई है। लेकिन यह आदेश आस्था पर लागू होते दिखाई नहीं दे रहे हैं। गुरुवार को दशा माता पूजन पर शहर के अनेक मंदिरों में महिलाओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। हालांकि कोरोना के प्रभाव के चलते कई सामाजीक और धार्मिक आयोजनों को निरस्त भी किया जा चुका है। साईं भक्तों ने 31 मार्च तक प्रभातफेरियां नहीं निकालने का फैसला किया है। वहीं, बड़े जैन तीर्थ स्थलों में भी दर्शन बंद कर दिए गए हैं। वहीं मेडिकल कालेज डीन डाक्टर ज्योति बिंदल के अनुसार कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के सैंपलों की जांच गुरुवार से इंदौर के महात्मागांधी मेडिकल कॉलेज में शुरू हो गई है।
10 दिवसीय दशा माता के व्रत-पूजन की पूर्णाहुति के मौके पर गुरुवार सुबह से ही शहर के विभिन्न मंदिरों के निकट पीपल की पूजा करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाएं पहुंचीं। उन्होंने भक्तिभाव के साथ दशा माता की विधिविधान से पूजा की और भोग परोसा एवं बाद में वहीं धार्मिक कहानी भी सुनी।
साईं भक्तों का फैसला, सभी प्रभातफेरियां 31 मार्च तक निरस्त
श्री इंदौर शहर साईं भक्त सेवा समिति द्वारा साईं बाबा महोत्सव के तहत निकाली जा रही 26 दिवसीय प्रभातफेरी 31 मार्च तक निरस्त कर दी है। समिति अध्यक्ष छोटू शुक्ला एवं प्रभातफेरी आयोजक मांगीलाल रेडवाल ने बताया कि साईं भक्तों की धार्मिक भावनाएं प्रभातफेरी के साथ जुड़ी हैं, लेकिन कोरोना को देखते हुए बुधवार को भागीरथपुरा से निकली प्रभातफेरी के समापन के साथ यह निर्णय लिया है।
श्री देवी अहिल्या साईं भक्त सेवा समिति ने भी 27 दिनी प्रभातफेरी 31 मार्च तक निरस्त कर दी। समिति अध्यक्ष भोलासिंह ठाकुर ने बताया कि बुधवार को मंगलश्री नगर से निकली प्रभातफेरी में हजारों भक्त शामिल हुए थे। प्रभातफेरी में भक्तों को कोरोना वायरस से सतर्क रहने और आसपास सफाई रखने की अपील की।
बड़े जैन तीर्थ स्थलों में भी दर्शन बंद
कोरोना को देखते हुए दिगंबर जैन समाज के सभी बड़े जैन मंदिर में दर्शन बंद कर दिए हैं। मां पद्मावती भक्त मंडल के अतुल पाटोदी, राहुल सेठी ने बताया कि कर्नाटक में श्रवणबेलगोला तीर्थ, महाराष्ट्र में ऋषभदेवपुरम मांगीतुंगी तीर्थ, श्री 1008 चिंतामणी पारसनाथ मंदिर कचनेरजी में अब 31 मार्च तक दर्शन बंद रहेंगे। इसके अलावा अन्य जैन मंदिरों के ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं को कॉल या मैसेज से दर्शन के लिए नहीं आने का अाग्रह किया जा रहा है। वहीं सबसे बड़े तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी (झारखंड) और महावीरजी (राजस्थान) में दर्शनार्थियों की संख्या काफी कम हो गई है।