किशोर वाधवानी का दुबई कनेक्शन, कालाधन भी दुबई में निवेश, मप्र में मजबूत पॉलिटिकल कनेक्शन

Posted By: Himmat Jaithwar
6/19/2020

इंदौर। स्वादिष्ट पान मसाले के धंधे में टैक्स चोरी का तड़का लगाकर करोड़पति बने इंदौर के कारोबारी किशोर वाधवानी की कलई खुलना शुरू हो गई है। पुलिस का कहना है कि 233 करोड़ की टैक्स चोरी के मामले में गिरफ्तार किए गए कारोबारी किशोर वाधवानी के पास से दुबई का रेसिडेंस वीजा मिला है। यह वीजा उन्हीं लोगों के पास होता है जिनका दुबई से एक पर्यटक के अलावा भी कोई रिश्ता होता है। पुलिस का कहना है कि दुबई में एक होटल बना है जिसमें किशोर वाधवानी का काला धन लगाया गया है।

कारोबारी किशोर वाधवानी के दुबई कनेक्शन की जानकारी डायरेक्टोरेट ऑफ जनरल इंटेलीजेंसी (DGGI) ने गुरुवार को इंदौर जिला कोर्ट में दी। रिमांड अवधि खत्म होने के बाद डीजीजीआई ने वाधवानी को कोर्ट में पेश किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुप्रिया पाराशर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद वाधवानी को पांच दिन की रिमांड पर DGGI को सौंपने का फैसला सुनाया। सुनवाई करीब डेढ़ घंटे तक चली।

कोर्ट के बाहर थी हरकत की आशंका, तैनात रही फोर्स
डीजीजीआई को आशंका थी कि कोर्ट परिसर के बाहर वाधवानी के साथ कुछ हरकत हो सकती है, इसलिए एसएएफ का बल बुलाया गया। जैसे ही कोर्ट के बाहर गाड़ी रुकी, फोर्स ने चारों तरफ से घेर लिया।

विदेशी लोगों की संलिप्तता की भी जांच होगी

डीजीजीआई के वकील और विशेष लोक अभियोजक चंदन ऐरन ने कहा कि इस पूरे मामले में विदेशी लोगों की संलिप्तता की भी जांच होना है। दुबई के होटल में वाधवानी ने राशि लगाई है और बालाजी ट्रेडिंग नाम से फर्जी फर्म भी बनाई है। पाकिस्तानी नागरिक संजय माटा के साथ ही विजय नायर, अशोक डागा और अमित बोथरा के साथ यह जुड़े हुए होकर मुख्य षड्यंत्रकर्ता है। इन सभी की जांच जरूरी है, इसलिए रिमांड लेना है। कोर्ट में बताया गया कि वाधवानी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब जरूरत हो, मेडिकल सहायता उपलब्ध करवाई जाए।

एक घंटा 55 मिनट कार में ही बैठा रहा

डीजीजीआई दोपहर 2:55 बजे वाधवानी को कोर्ट परिसर में लेकर पहुंची। 3:10 बजे तक वाधवानी ने कोर्ट रूम में रहने के बाद उपस्थिति दर्ज कराई। इसके बाद कोर्ट से बाहर आकर कार में बैठा दिया। 3:45 बजे तक वाधवानी के साथ कार में दो अफसर भी बैठे रहे। इस दाैरान कार को चालू रख एयर कंडीशनर चलाने की बात कही। सात बार ऐसा हुआ कि वाधवानी के कहने पर कार में एसी चलाना पड़ा। कोर्ट की कार्रवाई पूरी हुई तो फिर कोर्ट रूम ले गए। वहां हस्ताक्षर करवाने के बाद अफसर साथ लेकर सीजीओ कॉम्प्लेक्स रवाना हो गए। 



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