भोपाल. भोपाल में तेज हवाओं के साथ गुरुवार को 126.2 मिमी बारिश हुई। 10 साल में एक दिन में सबसे ज्यादा पानी गिरने का रिकॉर्ड भी बन गया है। लोगों को गर्मी से तो राहत मिली, लेकिन सड़कों से लेकर घरों तक में पानी घुसने से रात भर लोग परेशान होते रहे। शहर में सभी जगह पानी भरने के कारण लोगों को रात जागकर बिताना पड़ा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि इससे पहले वर्ष 2013 में 26 जून को 115.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी।
इंदौर और खजुराहो में कम बारिश
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि अभी सिर्फ इंदौर, उज्जैन और चंबल में ही बारिश नॉर्मल से कम हुई है। इसके अलावा प्रदेश भर में सभी जगहों पर नॉर्मल और उससे अधिक पानी गिर चुका है। अगले सात से आठ दिन इसी तरह भोपाल और उसके आसपास पानी गिरता रहेगा। प्रदेश में ग्वालियर एवं भिंड को छोड़कर 52 में से 50 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
दूसरा सिस्टम 22 जून तक आ सकता है
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि मानसून आगे नहीं बढ़ा है, क्योंकि जो सिस्टम यूपी में था, वह झारखंड पहुंच गया। दूसरा सिस्टम 22 जून तक आ सकता है। तब मानसून आगे बढ़ेगा। इसी दिन से तेज बारिश का एक और दौर आने की संभावना है।
यहां लोगों को हुई परेशानी
तेज हवाओं के साथ हुई रिकॉर्ड बारिश के कारण शहर में जलभराव से लेकर पेड़ गिर गए। ट्रैफिक जाम, घरों, सड़कों और अंडर ब्रिज में पानी भर गया। ज्योति टॉकीज चौराहा, रचना नगर, सुभाष नगर अंडर ब्रिज और हबीबगंज अंडरब्रिज के साथ प्रशासन अकादमी के सामने पानी जमा होने से रास्ते जाम हो गए। लिंक रोड एक पर शिवाजी प्रतिमा के पास और तुलसी नगर व शिवाजी नगर क्षेत्र में भी मकानों के सामने पानी भर गया। त्रिलंगा के शुभालय परिसर, सी सेक्टर कस्तूरबा नगर, शाहपुरा से लेकर चूना भट्टी तक में पानी भरने की शिकायतें आईं।
सबसे ज्यादा यहां हुई परेशानी
भोपाल टॉकीज चौराहा, अप्सरा टॉकीज, भारत टॉकीज, रेलवे स्टेशन, महामाई का बाग, टीला जमालपुरा, अशोका गार्डन सहित कई क्षेत्रों में सड़कों पर पानी भर गया। शाहजहांनाबाद, वसुंधरा कॉलोनी और डीआईजी बंगले पर दुकान में पानी भरा। टीला जमालपुर हंसा कॉम्पलेक्स, करोंद और गोविंदपुरा के रहवासी इलाकों में पेड़ गिर गए। शहर भर में लाइट जाने की शिकायतें भी बिजली कंपनी के पास पहुंची।