पर्याप्त वर्षा होने पर ही किसान खरीफ फसल की बोनी करें कृषि आदान गुणवत्ता नियंत्रण अभियान जारी

Posted By: Himmat Jaithwar
6/17/2020

रतलाम। जिले में अभी तक खरीफ फसलों की अनुमानित बोनी 29 हजार 500 हेक्टेयर में की गई है जिसमें मुख्य फसल सोयाबीन का क्षेत्राच्छादान 23 हजार 900 हेक्टेयर, मक्का फसल 5 हजार हेक्टेयर, उडद 500 हेक्टेयर, अरहर 200 हेक्टर एवं मूंग 200 हेक्टेयर में बोनी की गई है। यह बोनी जिले की रतलाम, जावरा, सैलाना, बाजना तहसीलों में 4 इंच से अधिक वर्षा होने पर किसानों द्वारा की गई है।

उपसंचालक किसान कल्याण श्री जी.एस. मोहनिया ने बताया कि जिले के पिपलौदा, आलोट एवं ताल तहसील क्षेत्र में वर्षामापी यंत्र के आंकडो के आधार पर 4 इंच से अधिक वर्षा नहीं होने पर कृषकों को सलाह दी जाती है कि खरीफ फसलों की बोनी अभी प्रारम्भ नहीं करें क्योंकि अपर्याप्त वर्षा में बोनी करने से बीज अंकुरित नहीं होकर नुकसान की संभावना है। 4 इंच से अधिक वर्षा होने पर ही किसान खरीफ फसलों की बोनी  करें। सोयाबीन का अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान मेड नाली पद्धति या रेज्ड बेड पद्धति से बुआई करें इस विधि से बुआई करने पर अधिक एवं कम वर्षा होने की स्थिति में भी किसान फसल का अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

जिले में बीजों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रो में भण्डारण किया गया है। रासायनिक उर्वरक निजी एवं सहकारिता क्षेत्र में 48 हजार 709 मेट्रिक टन भण्डारित किया गया है। बोनी पूर्व उपयोग में आने वाले उर्वरक जैसे डीएपी, सुपर फास्फेट, काम्पलेक्स, पोटास आदि उर्वरकों का जिले की सहकारी संस्थाओं में भण्डारित उर्वरक किसान फसल की आवश्यकतानुसार उपयोग कर सकते हैं।

गुण नियंत्रण दल द्वारा नमूने एकत्रित
कृषकों को गुणवत्तायुक्त बीज, उर्वरक एवं पौध संरक्षण औषधियां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान द्वारा गठित गुण नियंत्रण दल द्वारा सघन अभियान अन्तर्गत बीज एवं उर्वरक के नमूने लिए जा रहे हैं। अभी तक बीज के 214 नमूने, उर्वरको के 61 नमूने एव पौध संरक्षण औषधि के 06 नमूने लिए जाकर परीक्षण प्रयोगशाला को परीक्षण हेतु भिजवाए गए हैं।



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