भाेपाल। मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा अब चुनाव आयाेग की चाैखट तक पहुंच गया है। भाजपा ने मुख्य चुनाव आयुक्त से दिग्विजय सिंह समेत प्रदेश सरकार के 9 मंत्रियों पर बेंगलुरु में ठहरे 16 विधायकों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि दिग्विजय कांग्रेस से राज्यसभा प्रत्याशी है। वे अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए विधायकों पर दबाव बनाना चाहते हैं, इसलिए मुलाकात के बहाने बेंगलुरु पहुंचे हैं। भाजपा की ओर से यह पत्र राज्यसभा के प्रत्याशी सुमेर सिंह सोलंकी के चुनाव एजेंट शांति लाल लोढ़ा ने चुनाव आयोग को भेजा है।
लोढ़ा ने लिखा- दिग्विजय समेत कांग्रेस नेता यहां कानून व्यवस्था खराब करने के प्रयास में हैं। ऐसे में संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाए। यह पत्र कर्नाटक के मुख्यमंत्री, डीजीपी और राज्य निर्वाचन अधिकारी भोपाल और रिटर्निंग ऑफिसर को भेजा गया है। पत्र में कमलनाथ सरकार के मंत्री जयवर्धन सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, तरुण भनोट, लक्ष्मण घनघोरिया, लखन सिंह यादव, सचिन यादव, हर्ष यादव पर भी आरोप लगाया है।
सिंधिया गुट के 16 बागी विधायकाें काे मनाने पहुंचे थे दिग्विजय
सिंधिया गुट के 16 विधायक 10 दिन से बेंगलुरु में हैं। फ्लोर टेस्ट को लेकर जारी घमासान के बीच कांग्रेस के बागियों को मनाने के लिए बुधवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कुछ मंत्री बेंगलुरु पहुंचे थे। यहां कर्नाटक पुलिस ने उन्हें रमादा होटल के बाहर ही रोक दिया। इसके बाद सभी कांग्रेस नेता सड़क पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया समेत करीब 10 कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया। इन नेताओं को अमृताहल्ली थाने ले जाया गया। दिग्विजय ने कहा है कि अब वे थाने में भूख हड़ताल करेंगे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलिस की इस कार्रवाई को हिटलरशाही बताया है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं भी उन विधायकों से मिलने बेंगलुरु जाऊंगा।
मेरे पास न बम है, न पिस्तौल, फिर क्यों रोका: दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘पुलिस हमें विधायकों से मिलने नहीं दे रही है। मैं मध्य प्रदेश का राज्यसभा उम्मीदवार हूं। 26 तारीख को राज्यसभा चुनाव के लिए विधानसभा में वोटिंग होनी है। हमारे विधायकों को यहां होटल में बंधक बनाकर रखा गया है। वे हमसे बात करना चाहते हैं, लेकिन उनके मोबाइल छीन लिए गए। भाजपा नेता अरविंद भदौरिया और कुछ गुंडे अंदर हैं। विधायकों की जान को खतरा है। मेरे पास हाथ में न बम है, न पिस्तौल और न ही कोई हथियार है। फिर भी पुलिस मुझे क्यों रोक रही है। मुझे मिलवा दें, उसके बाद चला जाऊंगा। इसमें क्या परेशानी है।’’
‘मैं भाजपा के राज में पुलिस से नहीं डरता’
पुलिस हिरासत में दिग्विजय ने कहा, ''बेंगलुरु में तो भाजपा की सरकार है। पुलिस भी उन्हीं के इशारे पर काम कर रही है। मुझे तो भाजपा के राज में भी उनकी पुलिस के बीच डर नहीं लग रहा। लेकिन भाजपा नेताओं को किस बात का डर है, क्या वे खुद अपनी पुलिस से डर रहे हैं? मैं यहां गांधीवादी तरीके से अपने विधायकों से मिलने आया हूं। उम्मीद है कि वे जल्द लौट जाएंगे। 5 विधायकों से मेरी बात हुई तो उन्होंने बंधक होने की जानकारी दी। होटल में 27 घंटे पुलिस का पहरा है। विधायकों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।''