एक अरब डॉलर या उससे ज्यादा वैल्यू वाले भारत के 30 स्टार्टअप में से 18 में चीन की हिस्सेदारी; बायजूस, ओला, पेटीएम और जोमाटो जैसे स्टार्टअप्स में बड़ा निवेश

Posted By: Himmat Jaithwar
6/17/2020

नई दिल्ली. लद्दाख की गालवन घाटी में यहां एक ओर सीमा विवाद के कारण भारत और चीन आमने सामने है तो वहीं दूसरी ओर चीन का भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में निवेश लगातार बढ़ा रहा है। निवेश बढ़ने से चीन की भारतीय बाजार में पकड़ और मजबूत हो जाएगी। भारत और चीन एक दूसरे पर आर्थिक रूप से काफी निर्भर हैं। तनाव बढ़ने से दोनों देशों को ही नुकसान होगा लेकिन भारत के ऊपर ज्यादा असर पड़ सकता है।चीन की कई बड़ी कंपनियों ने पिछले 5-6 साल में भारत में निवेश बढ़ाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार भारत की 30 में से 18 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर या उससे अधिक वैल्यूएशन वाली) में चीन की बड़ी हिस्सेदारी है।


पिछले 7 साल के दौरान सबसे अधिक 1666 मिलियन डॉलर का निवेश 2017 में हुआ
चीन की कंपनियों ने भारत की स्टार्टअप में भारी निवेश किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में चायनीज कंपनियों ने भारत में 51 मिलियन डॉलर का निवेश किया था जो 2019 में बढ़कर 1230 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। 2014 से 2019 तक चीन ने भारतीय स्टार्टअप्स में कुल 5.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया। चीन की जिन कपंनियों ने भारत में निवेश किया उनमें अलीबाबा, टेंशेट और टीआर कैपिटल सहित कई दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। 


चीन ने किस साल कितना निवेश किया?

साल कितनी डील हुईं डील वैल्यू(मिलियन डॉलर)
2020 15 263
2019 47 1230
2018 49 1340
2017 33 1666
2016 18 315
2015 14 959
2014 5 51

सोर्स : वेंचर इंटेलिजेंस


भारत की 30 यूनिकॉर्न में से 18 में चीन की हिस्सेदारी
मुंबई के विदेशी मामलों के थिंक टैंक 'गेटवे हाउस' ने भारत में ऐसी 75 कंपनियों की पहचान की है जो ई-कॉमर्स, फिनटेक, मीडिया/सोशल मीडिया, एग्रीगेशन सर्विस और लॉजिस्टिक्स जैसी सेवाओं में हैं और उनमें चीन का निवेश है। हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार भारत की 30 में से 18 यूनिकॉर्न में चीन की बड़ी हिस्सेदारी है। यूनिकॉर्न एक निजी स्टार्टअप कंपनी को कहते हैं जिसकी वैल्यूएशन एक अरब डॉलर या उससे अधिक होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तकनीकी क्षेत्र में ज्यादा निवेश के कारण चीन ने भारत पर अपना क़ब्ज़ा जमा लिया है। 


सिटियस टेक स्टार्टअप में चीन का सबसे ज्यादा 880 मिलियन डॉलर का निवेश

कंपनी इन्वेस्टर कुल निवेश में चीन का हिस्सा (मिलियन डॉलर) स्टार्टअप में कुल निवेश (मिलियन डॉलर) क्या चीनी कंपनी मुख्य इन्वेस्टर है?
सिटियस टेक Baring Asia 880 992 हां
ओला कैब टेंशेट, सेलिंग कैपिटल 451 2759 नहीं
स्विगी टेंशेट, हिलहॉउस कैपिटल 328 1644 नहीं
पेटीएम मॉल  अलीबाबा 222 645 हां
पॉलिसी बाजार टेंशेट 150 554 हां
ड्रीम 11 टेंशेट 100 183 हां
डेल्हीवरी fosun group 49 837 नहीं

बायजूस

क्लासेज
टेंशेट 40 1454 नहीं
फ्लिपकार्ट टेंशेट, TR कैपिटल डिस्क्लोज नहीं 7126 नहीं
पेटीएम अलीबाबा डिस्क्लोज नहीं 4106 हां
स्नैपडील अलीबाबा, tybourne capital डिस्क्लोज नहीं 2089 नहीं
जोमाटो अलीबाबा,शुनवेई कैपिटल डिस्क्लोज नहीं 912 हां
उड़ान टेंशेट, हिलहॉउस कैपिटल डिस्क्लोज नहीं 871 नहीं
बिग बकेट अलीबाबा, TR कैपिटल डिस्क्लोज नहीं 730 हां
लेंसकार्ट TR कैपिटल डिस्क्लोज नहीं 668 नहीं
हाइक टेंशेट, फॉक्सकोन्न डिस्क्लोज नहीं 240 हां

सोर्स : वेंचर इंटेलिजेंस


टेंशेट ने भारत की 19 कंपनियों में किया निवेश
चीन की जिन कपंनियों ने भारतीय कंपनियों में बड़ा निवेश किया है उनमें टेंशेट, शुनवेई कैपिटल और शाओमी जैसी कंपनियां शामिल हैं। टेंशेट ने भारत की 19 कंपनियों में, शुनवाई कैपिटल ने 16 कंपनियों में, स्वास्तिका 10 कंपनियों में और शाओमी ने 8 भारतीय कंपनियों में निवेश किया है। इसके अलावा अलीबाबा ने भी कई कंपनियों में बड़ा निवेश किया है। 


चर्चित भारतीय स्टार्टअप्स में चीनी कंपनियों का निवेश

कंपनी इन्वेस्टर कितना निवेश (मिलियन डॉलर)
स्विगी टेंशेट, सैमसंग वेंचर, कोरिया 153
जोमाटो अलीबाबा 150
बिग बास्केट कोरिया, मिराए एसेट ग्लोबल इन्वेस्टमेंट 60
खाता बुक टेंशेट, जीजीवी कैपिटल, बी कैपिटल 60
चायोस इंटीग्रेटेड कैपिटल, थिंक इन्वेस्टमेंट 20

सोर्स : वेंचर इंटेलिजेंस

स्मार्टफोन बाजार में 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी
चीन की स्मार्टफोन बनाने वाली कपनियों ने भारती स्मार्टफोन बाजार पर अपना प्रभाव बना लिया है। भारत में स्मार्टफोन का बाजार करीब 2 लाख करोड़ रुपए का है। चाइनीज ब्रैंड जैसे ओप्पो, शाओमी और रेडमी ने 70 फीसदी से ज्यादा मोबाइल मार्केट पर कब्जा कर लिया है। इसी तरह 25 हजार करोड़ के टेलीविजन मार्केट में चाइनीज ब्रैंड का 45 फीसदी तक कब्जा है।



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