पहले हुई 1328 मौतों की संख्या अब सार्वजनिक हुईं, पूर्व सीएम ने लगाया आंकड़े छिपाने का आरोप; कोविड-19 के अलग से बनेगे डेथ सर्टिफिकेट

Posted By: Himmat Jaithwar
6/17/2020

मुंबई. राज्य सरकार ने मंगलवार को जारी की रिपोर्ट में पिछले कई दिनों से कोरोना के कारण मरने वाले 1328 लोगों को भी शामिल किया है, जिन्हें अबतक इसमें शामिल नहीं किया जा रहा था। शामिल किए गए 1328 मामलों में से 862 मामले मुंबई के हैं और 466 मामले राज्य के दूसरे हिस्सों के। अब राज्य में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 5 हजार पार हो गई है।

महाराष्ट्र में कुल कोरोना संक्रमित 1,13,445 मामले हैं जबकि 5537 लोगों की मौत हो चुकी है। मुंबई में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमित 935 नए मामले सामने आए हैं जिससे कोरोना संक्रमित आंकड़ा 60 हजार पार हो गया है। पहले मरने वाले लोगों की संख्या को जोड़े जाने के बाद मृतकों की संख्या भी 3 हजार पार हो गई है। मुंबई में कुल कोरोना संक्रमित 60,228 मामले, अबतक कुल 3167 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक कुल 6,84,268 टेस्ट किए गए हैं।

मुंबई में कई हॉटस्पॉट इलाकों में मास स्क्रीनिंग का काम शुरू हुआ है। इसके तहत वहां रहने वाले लगभग सभी लोगों की जांच की जा रही है।

राज्य सरकार पर मौतों का आंकड़ा छिपाने का आरोप सही हुआ 
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत की सही संख्या छिपाने का पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व सांसद किरीट सोमैया का आरोप सही निकला है। राज्य सरकार ने 7 मई से अब तक कुल 1,328 मरीजों की हुई मौत की संख्या मंगलवार को सार्वजनिक की है। इसके पीछे सरकार ने तर्क दिया है राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों के बनाए मापदंड का पालन करने वक्त कोरोना से हुई मौतों की जांच-पड़ताल में देरी के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ी है। जाहिर है कि यह संख्या कोरोना के मामले शुरू होने से अब तक की है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार मुंबई में 144 और ठाणे में 140 कोरोना मरीजों की पूर्व मौत हो गई थी। रिकॉन्सिलिएशन तकनीकी की वजह से इस तरह से 7 मई से अब तक हुई कुल 1328 मौतों की जानकारी आईसीएमआर के पोर्टल पर दर्शाना रह गया था। बता दें कि मुंबई में पिछले 24 घंटों में 55 मौत हुई है। इसी प्रकार पूरे महाराष्ट्र में पिछले एक दिन में 81 कोरोना मरीजों की जान गई है।

आखिर सच सामने आया : फडणवीस
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आखिर सच सामने आ गया। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से निवेदन किया है कि इस मामले को कोई सुंदर नाम देकर छुपाने के बदले पिछले तीन महीने से मृतकों की सही संख्या छुपाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।  पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि जब पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर मृतकों की संख्या छुपाने का आरोप लगाया था, तब मुंबई की महापौर ने उन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। पर अब खुद ठाकरे सरकार ने मृतकों की संख्या छुपाने की बात स्वीकार कर ली है। इसलिए महापौर को देवेंद्र फडणवीस से माफी मांगनी चाहिए।

लोकल ट्रेन शुरू होने के बाद अब हर दिन यात्रियों की भीड़ स्टेशन पर बढ़ रही है। इसके बावजूद जीआरपी के जवान उनकी स्क्रीनिंग का काम तेज कर रहे हैं।

कोविड-19 के अलग से बनेगे डेथ सर्टिफिकेट
सरकार के अनुसार, 15 जून तक राज्य में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 4,128 थी। अब कोरोना से मरने वालों की संख्या मुंबई महानगर में 862 और राज्य के 34 अन्य जिलों में 466 बढ़ जाएगी। सरकार का कहना कि ये 1,328 लोग कोरोना पॉजिटिव थे और इन सबकी मौत का कारण उनके डेथ सर्टिफिकेट पर कोविड ही लिखा जाएगा।

4 दिन से धारावी में नहीं हुई एक भी मौत 
एशिया की सबसे बड़ी स्लम धारावी में कोरोना की रफ्तार में ब्रेक के साथ डेथ रेट में भी काफी सुधार हुआ है। धारावी में 12 जून के बाद कोरोना के किसी पेशंट की मौत नहीं हुई है। 30 मई के बाद 9 मई को धारावी में कोरोना से 2 लोगों की डेथ हुई थी। इसके बाद 11 जून को 2 और 12 जून को 2 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी। इस तरह धारावी में अब तक 77 लोग कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। 16 जून को धारावी में कोरोना से किसी की मौत नहीं हुई, जबकि 21 नए मामले सामने आए। इस तरह धारावी में अब कुल मरीजों की संख्या 2,089 तक पहुंच गई है।

लोकल ट्रेन पकड़ने से पहले टिकट लेने पहुंचे लोग कतार में लगे हुए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए फर्श पर एक सर्कल बनाया गया है।

78 हजार यात्री कर रहे लोकल ट्रेन में सफर
अत्यावश्यक सेवाओं के लिए शुरू की गई 362 लोकल सेवाओं में पहले दिन करीब 60 हजार यात्रियों ने सफर किया। इनमें पश्चिम रेलवे में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या करीब 30 हजार है, जबकि इतनी ही संख्या मध्य रेलवे की बताई जा रही है। मंगलवार को यह आंकड़ा 78 हजार के करीब पहुंच गया। पश्चिम रेलवे पर करीब 40 हजार, तो मध्य रेलवे पर 38 हजार के करीब यात्रियों ने सफर किया। सामान्य दिनों में रोजाना औसतन 2500 सेवाएं चलती हैं, जिनमें 70 लाख लोग यात्रा करते हैं।



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