225 करोड़ की टैक्स चोरी में मुंबई से वाधवानी गिरफ्तार, देर रात डीजीजीआई की बड़ी कार्रवाई

Posted By: Himmat Jaithwar
6/16/2020

इंदौर. पान मसाला, गुटखे की 225 करोड़ की टैक्स चोरी के मामले में डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई), भोपाल ने मुंबई से इंदौर के उद्योगपति किशोर वाधवानी को गिरफ्तार कर लिया है। ऑपरेशन ‘कर्क’ के तहत डीआरआई की मुंबई टीम ने वाधवानी को एक होटल से पकड़ा। इसके बाद भोपाल टीम ने मुंबई में ही गिरफ्तारी ली।

डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक केंद्रीय विभाग सेे जानकारी मिली है कि मुंबई से एक आरोपी को इंदौर लाया जा रहा है। उसे मंगलवार सुबह कोर्ट में पेश किया जाएगा। हालांकि डीआईजी ने आरोपी के नाम की पुष्टि नहीं की है। यह भी बताया जा रहा है कि विभाग ने वाधवानी की पांच दिन की रिमांड ले ली है। टैक्स चोरी मामले में पकड़े गए आरोपी विजय नायर से वाधवानी को लेकर मिली जानकारी के बाद विभाग ने उन्हें दो बार समंस जारी किए थे। नहीं आने पर 64 बी व 65 बी प्रेमनगर स्थित घर पर दबिश भी थी फिर ग्रुप के अन्य दफ्तरों, चैनल के दफ्तर भी टीम पहुंची थी लेकिन वह नहीं मिला। विभाग द्वारा नौ से 12 जून के बीच मारे गए छापे के बाद से ही विभाग वाधवानी की तलाश कर रहा था।  

पर्दे के पीछे इस तरह किया कारोबार डमी के रूप में नायर को खड़ा किया, रिश्तेदार के नाम पर बनाई कंपनी, ब्लैक मनी को दूसरे धंधों में लगाया

सांवेर रोड पर एएए इंटरप्राइजेस नाम से कंपनी है, जो विजय नायर द्वारा संचालित की जाती है। एक अन्य कंपनी विष्णु एसेंस का संचालन अशोक डागा व अमित बोथरा करते हैं। दोनों पान मसाले, गुटखे का उत्पादन कर नायर को देते हैं। नायर द्वारा इसे मप्र के साथ ही महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य पड़ोसी राज्यों में कच्चे में बेचा जाता है। सौ रुपए में से केवल 20 रुपए का कारोबार ही नंबर एक में होता है, बाकी 80% कारोबार कच्चे में टैक्स चोरी होती है। नायर ने बयान में कबूल किया है कि वह डमी है और पर्दे के पीछे वाधवानी है, जो पूरे धंधे को संचालित करता हैै।

विभाग नायर के बयान को क्राॅस करने और असली मास्टरमाइंड का पर्दाफाश करने के लिए वाधवानी से पूछताछ करना चाहता है। एएए कंपनी नायर के नाम पर जरूर है, लेकिन उसकी हिस्सेदारी नाममात्र की है। इसमें वाधवानी के कई करीबी, परिजन पार्टनर हैं, ताकि नायर का मालिकाना हक कभी न हो सके।

- पान मसाला, गुटखा टैक्स चोरी करके जो बेचा जाता है, उसकी कमाई मेसर्स एमएसएस कंपनी के पास जाती है, इस कंपनी के पास कई ब्रांड के गुटखा बनाने का करार है और इसमें वाधवानी के रिश्तेदार नीतेश वाधवानी भी जुडे हुए हैं। साथ ही इस कमाई को रियल एस्टेट में कारोबार के नाम पर बनी आठ कंपनियों, होटल सेक्टर के धंधे और मीडिया ग्रुप में शिफ्ट किया जा रहा है। 
- डीजीजीआई ने भी अपनी औपचारिक प्रेस रिलीज में इस बात का खुलासा किया है कि मास्टरमाइंड द्वारा टैक्स चोरी करके कमाई गई काली कमाई को रियल एस्टेट ग्रुप, होटल व मीडिया ग्रुप में खपाया जा रहा है



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