गुंडो के आगे डरी रतलाम पुलिस !

Posted By: Himmat Jaithwar
5/19/2024

- जिला अस्पताल में पुलिस के सामने हुआ खूनी संघर्ष और पुलिस अपनी जान बचाकर आम लोगों की तरह वीडियो बनाकर तमाशबिन बनी नजर आई

रतलाम। जिले में कानून की हालत दिन-प्रति दिन बदहाल होती जा रही है और वहीं दूसरी ओर पुलिस है कि इन सब से बेखबर होकर अपनी मस्ती में मस्त नजर आ रही है। इस बात का जीता जागता उदाहरण है बीती रात जिला अस्पताल में पुलिस की मौजूदगी में मचा उपद्रव जिसमें पुलिस गुंडों को तोड़फोड़ करने और छुड़ाने की बजाय आम आदमी की तरह उनके वीडियो बनाकर अपनी जान बचते नजर आई। 

बीती रात के घटनाक्रम को देखकर एक बात तो साफ है कि आम आदमी को गुंडे बदमाशों से अपनी सुरक्षा अब खुद करना होगी। क्योंकि जिनके कंधे पर सुरक्षा का जिम्मा है, वह लोग बदमाशों को रोकने और पकड़ने के बजाय तमाशबीनों की तरह वीडियो बनाते नजर आने लगे है। देश भक्ति और जन सेवा करने वाले इन डर.... पुलिसकर्मियों की हकीकत अब आम जनता के सामने है। पुलिस का डंडा और रुतबा सिर्फ आम आदमी को डराने धमकाने के लिए है, गुंडे बदमाशों से तो शायद वह भी डरती है। इस घटनाक्रम को देखकर तो ऐसा ही नजर आता है।

आपसी विवाद में अस्पताल के बाहर हुए दो पक्षों के विवाद के बाद दोनों ही पक्ष घायलों को लेकर जिला अस्पताल आए थे। यहां पुलिस की मौजूदगी में ही इन्होंने अस्पताल को जंग का मैदान बना दिया। अस्पताल में लगी सामग्री में तोड़फोड़ कर उसे ही हथियार के रूप में यह लोग उपयोग करते नजर आए और पुलिस इनके आगे पीछे घूम कर मोबाइल से वीडियो बनाती रही।

दरअसल इस घटना से कुछ समय पूर्व ही पुलिस का एक और वीडियो भी सामने आया था जिसमें डीआईजी मनोज सिंह, पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोधा, एडिशनल एसपी राकेश खाखा सहित अन्य अधिकारी चुनावी थकान उतारने के लिए एक होटल में पार्टी के दौरान जमकर थिरकते नजर आए। इस पार्टी को देख ऐसा लगता है जैसे पुलिस ने चुनाव नहीं संपन्न कारण बल्कि कोई पहाड़ इधर से उधर खर्च का दिया हो जिसकी उन्हें इतनी खुशी है। यदि पुलिस कानून व्यवस्था को बेहतर करके अपराधों पर अंकुश लगाने में सफल होती और फिर इस तरह के नाच-गाकर जश्न मनाती तो शायद लोग भी उनके जश्न में शरीक होते और उन्हें बधाई देते।



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