भारत चीन के बीच सीमा पर जारी विवाद के बीच विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर हैं। हाल ही में राहुल गांधी ने पीएम मोदी की सीमा के हालात के बारे में जानकारी नहीं देने की आलोचना की थी। अब पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी ट्वीट कर पीएम मोदी को निशाने पर लिया है। अहमद पटेल ने ट्वीट कर बताया कि पीएम मोदी 9 बार चीन जा चुके हैं। इसके बावजूद चीनी सेना ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है।
अहमद पटेल के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा कि अब मोदी जी बताएं आपकी इतनी सारी चीन यात्राओंका देश को क्या लाभ हुआ? उनका उद्देश्य क्या था? वहीं दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स मजेदार कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोग जहां दिग्विजय सिंह की बात का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री की आलोचना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोगों ने दिग्विजय सिंह और कांग्रेस पार्टी को ही निशाने पर ले लिया है।
बता दें कि अहमद पटेल ने अपने ट्वीट में लिखा था कि “जब चीन ने फिर से हमारी जमीन कब्जा ली है, तब चीन की आधिकारिक यात्राओं पर नजर डालना जरुरी है। पटेल के ट्वीट के अनुसार, पंडित नेहरु एक बार, शास्त्री जी, इंदिरा जी, मोरारजी देसाई और गुजराल जी एक बार भी नहीं, राजीव जी एक बार, नरसिम्हा राव एक बार, देवगौड़ा जी एक बार, वाजपेयी जी एक बार, डॉ मनमोहन सिंह दो बार, नरेंद्र मोदी नौ बार (5 बार बतौर पीएम और 4 बार बतौर सीएम)”
दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि “अक्साई चीन भारत से अलग कब और कैसे हुआ? नेपाल के भारत में विलय का विरोध किसने किया? कभी आप भी कुछ बता दिया करिए।”
वहीं एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए लिखा कि “यदि केवल एक विजिट में नेहरु जी ने कई सारी चीजें दे दी जैसे तिब्बत, अक्साई चीन, मानसरोवर, 38000 वर्ग किलोमीटर की पर्वत श्रंख्ला, यूएन सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट, ऐसे में यदि वह पांच बार चीन गए होते तो हम शायद आज चीनी होते।”
कुछ यूजर्स ने दिग्विजय सिंह की बात का समर्थन किया। एक यूजर ने ट्वीट किया कि “नेपाल की संसद में भारतीय क्षेत्र को अपने नक्शे में दिखाने वाले बिल का जिस तरह से समर्थन किया गया है। ऐसे में भक्त सोच रहे होंगे कि इसके पीछे भी कांग्रेस है और इसके लिए नेहरु जी को जिम्मेदार ठहराना चाहिए ना कि मोदी जी को”
एक यूजर ने लिखा कि मोदी जी तो आगामी चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें देश की कोई चिंता नहीं है। उन्हें चीन नहीं सिर्फ पाकिस्तान याद आता है।