भोपाल. भोपाल में रविवार को शाम टिड्डियों ने हमला कर दिया। लाखों की संख्या में टिड्डियां होशंगाबाद रोड से लेकर बरखेड़ा पठानी, एम्स और अवधपुरी तक के इलाके में छा गई हैं। यहां की कालोनियों में टिड्डियों के इस अचानक हमले से दहशत फैल गई। इन इलाके की कालोनियों के घरों में भी टिड्डी दल घुस गए। बताया जा रहा टिड्डी दल विदिशा से बैरसिया होते हुए भोपाल घुसा है। शनिवार को रात को बैरसिया में इनके होने की सूचना प्रशासन को मिली थी। वहां पर से बैरसिया से लेकर विदिशा नाके तक कृषि विभाग टिड्डियों को रोकने के इंतजाम कर लिए थे, लेकिन रविवार को शाम टिड्डी दल ने भोपाल मे प्रवेश कर लिया।
संभागायुक्त कवींद्र कियावत ने भास्कर को बताया कि शनिवार को बैरसिया और विदिशा नाके में टिड्डी दल के घुसने की सूचना थी, जहां पर कृषि विभाग इसे हैंडल कर रहा था। अब ये भोपाल में घुस गए हैं। कृषि विभाग ने टिड्डी दल से निपटने के सभी इंतजाम कर लिए हैं। अभी टिड्डी दल हवा के साथ तैर रहा है, अंधेरा होने पर ये कैंप करता है। फिलहाल ये कोलार की तरफ बढ़ रही हैं। कृषि विभाग की टीम तैयार है। कैंप करते ही टिड्डियों पर केमिकल का छिड़काव किया जाएगा और इन्हें मार दिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम के फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की मदद भी ली जाएगी।
टिड्डी दल ने विदिशा में चौथी बार हमला किया, 6 गांवों में मूंग और सब्जियां चौपट कीं
विदिशा में शनिवार दोपहर 12 बजे जिले में चौथी बार टिड्डी दल का हमला श्यामपुर के पास सीलकंठ गांव में हुआ। यहां अचानक आसमान पर टिड्डियां दिखाई देने लगीं। देखते ही देखते ये खेतों के ऊपर मंडराने लगीं। यह देख किसान अपने परिवार सहित हाथों में थाली, खाली पीपे लेकर खेतों में पहुंचे और बजाने लगे। इसके बाद टिड्डी दल क्षेत्र के देखते ही देखते आधा दर्जन से अधिक गांवों में फैल गया और मूंग के साथ सब्जियों को अपना निशाना बनाया। गांव में टिड्डियां पहुंची और खेतों के ऊपर मंडराने लगीं। इसके बाद मूंग के खेतों में बैठकर फसल को चौपट करने लगीं। यही नहीं यहां पर भिंडी, गिलकी और अन्य सब्जियों को भी ये चट करने लगीं। पहले तीन बार और टिड्डी दल का हमला नसरुल्लागंज और आष्टा क्षेत्र में हो चुका है। आखिरी हमला 25 मई को हुआ था।
किसानों ने कहा-मूंग और सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचाया
सीलखेड़ा के किसान रंजीत सिंह लोधी ने बताया कि टिड्डियों ने मूंग की फसल को चौपट कर दिया। खेतों में जहां देखो टिड्डियां ही दिखाई दे रही थीं। नंदकिशोर मीणा ने बताया कि इन टिड्डियों ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। बरखेड़ा देवा के धर्मेंद्र और प्रेम सिंह दांगी का कहना है कि फसलों को बचाने के लिए दवाओं का छिड़काव किया गया। उन्होंने बताया कि इन टिड्डियों को भगाने के लिए हम थालियां बजाते हुए खेतों पर पहुंचे।
प्रदेश में 90 के दशक में टिड्डी दल का ऐसा हमला हुआ था
कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर एसएस राजपूत ने बताया कि शनिवार को श्यामपुर तहसील के कुछ गांवों से टिड्डी दल निकला था जो बाद में बैरसिया तरफ निकल गया है। जिले की सीमा से निकले टिड्डी दल ने कोई अधिक नुकसान नहीं पहुंचाया। लोधीपुर गांव तरफ से यह दल निकला है। श्री राजपूत ने बताया कि 90 के दशक में इस तरह का टिड्डी दल आया था और उसने कई जगह नुकसान किया था। उसके बाद ऐसा हमला पहली बार हुआ है।