इंदौर । मेडिकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए फिलीपींस गए भारत के करीब 100 से ज्यादा छात्र मनीला एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। फिलीपींस सरकार ने उन्हें 72 घंटों के अंदर देश छोड़ने के लिए कहा था। एयरपोर्ट पर फंसे छात्रों में वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रही इंदौर की अन्विता वर्मा भी शामिल हैं।
दूतावास से भी मदद नहीं मिल रही: अन्विता
अन्विता ने कहा, ‘‘यहां फ्लाइट का किराया बहुत ज्यादा हो गया है, फिर भी हमने जैसे-तैसे फ्लाइट बुक की। सड़कों पर कर्फ्यू जैसा माहौल है हम किसी तरह एयरपोर्ट पहुंचे। कई घंटों बिठाए रखने के बाद हमें बोर्डिंग पास जारी किए गए। इमीग्रेशन हो जाने के बाद अब हमें कहा जा रहा है कि फ्लाइट नहीं जाएगी। हमारे 40-50 साथी तो एयरपोर्ट के बाहर हैं जिन्हें भीतर नहीं आने दिया जा रहा। भूखे-प्यासे बैठे हैं। सारी व्यवस्था दम तोड़ रही हैं। स्थानीय एयरपोर्ट स्टाफ हमें पुलिस के हवाले करने की धमकी दे रहा है। हमारी सरकार से अपील है कि हमें जल्द से जल्द यहां से निकाले।’’
मलेशिया से भारत की हवाई उड़ान बंद करने का असर
फिलीपींस से आने वाली ज्यादातर फ्लाइट मलेशिया के रास्ते ही भारत आती हैं। भारत सरकार ने मलेशिया से आने वाली फ्लाइट पर रोक लगाने का निर्णय तो ले लिया, लेकिन आसपास के देशों में फंसे छात्रों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है। दूतावास से मदद ना मिलने के कारण करीब 50 से ज्यादा छात्र जहां एयरपोर्ट के बाहर फंसे हैं।
कुआलालंपुर से भारतीय छात्र निकाले जाएंगे
कुआलालंपुर में फंसे भारतीय छात्रों और अन्य यात्रियों को एयर एशिया एयरलाइंस के विमानों से निकालने की इजाजत दे दी गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। उन्होंने क्वालालंपुर एयरपोर्ट पर इंतजार कर रहे छात्रों की हौसला आफजाई की।