नरवाई में आग लगाना प्रतिबंधित आदेश का उल्लंघन करने वालो के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी

Posted By: Himmat Jaithwar
3/6/2020


रतलाम। रबी फसलों की कटाई पश्चात खेत को आग के हवाले करने वाले किसानों की अब सही में खैर नहीं होगी। गेहूं उत्पादन करने वाले किसान भाईयों के लिए गेहूं की कटाई के दौरान शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि हार्वेस्टर के माध्यम से गेहूं की कटाई करने पर उसमें स्ट्रीपर लगाना अनिवार्य होगा। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।

उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया कि पिछले कई वर्षो में कई स्थानों पर नरवई की आग से अत्यधिक नुकसान हुआ था। नरवाई की आग ने गेहूं की खडी फसल के साथ ही कई घरों को भी जलाकर राख कर दिया था। पिछले साल के घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए शासन ने अभी से ऐहतियातन कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। प्रदेश में पिछले कुछ सालों से गेहूं की 80 प्रतिशत कटाई कम्बाईन हार्वेस्टर से की जा रही है। हार्वेस्टर से कटाई करने पर एक फीट ऊंची गेंहू के डण्ठल खेत में ही रह जाते हैं जिससे किसान भाई खेती की सफाई करने के लिए आग लगाकर जला देते हैं। खेत में लगाई आग से हर वर्ष काफी नुकसान होता है।

नरवाई की आग को लेकर राज्य सरकार इस साल काफी सतर्क है। खेत में आग लगाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने तक के निर्देश दिए गए हैं। नरवाई की आग से जनजीवन को तो नुकसान है ही है, साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति को भारी नुकसान होता है। भूमि में पल रहे मित्र कीट को इससे भारी नुकसान होता है। भूमि की भौतिक दशा खराब हो जाती है एवं भूमि की जल धारण क्षमता भी कम हो जाती है। कार्बन डाई-आक्साईड की मात्रा ज्यादा बनने से पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। किसानों को सलाह दी जाती है कि नरवाई की आग से हमें बचना चाहिए, खेत में गेहूं की कटाई के बाद बची नरवाई (अवशेष) जलाने पर किसानों पर जुर्माना लगाया जाएगा। नरवाई जलाने पर 2 एकड तक 2500 रुपए तक, 5  एकड तक 5000 रुपए तथा 5 एकड से ज्यादा भूमि वाले किसानों पर 15 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

पार्यावरण सुरक्षा के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश के पालन में प्रदेश में फसलों विशेषकर गेहूं एवं धान की फसल कटाई उपरांत फसल अवशेष को खेत में जलाए जाने को प्रतिबंधित किया गया है। कृषि, राजस्व एवं पंचायत विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों, पटवारियों एवं पंचायत सचिवों के माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार करने के निर्देश दिए गए हैं। सहायक संचालक कृषि श्री भीका वास्के ने कहा कि इसका कडाई से पालन करें तथा सभी मैदानी अधिकारियों को इसका प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए।



Log In Your Account