मुंबई. महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह को पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 3,255 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी को 969 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। हालांकि यह घाटा विश्लेषकों के अनुमान का पूरा उल्टा था। विश्लेषकों को उम्मीद थी कि कंपनी को 441 करोड़ रुपए का लाभ होगा।
शेयर के कारोबार पर रिजल्ट का असर नहीं
कंपनी ने कहा कि शुद्ध लाभ पर असर इसलिए दिखा क्योंकि सांगयांग में निवेश को राइट डाउन करना पड़ा और कुछ अंतरराष्ट्रीय सब्सिडियरी में भी यही करना पड़ा। महिंद्रा ने एंड महिंद्रा ने शुक्रवार को फाइनेंशियल रिजल्ट पेश किया। कंपनी का शेयर बीएसई पर 7 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर बाद 508 रुपए पर बंद हुआ। कंपनी ने बताया कि उसका चौथी तिमाही में रेवेन्यू 9,005 करोड़ रुपए था। एक साल पहले समान अवधि की तुलना में यह 35 प्रतिशत कम है। इसी के साथ बोर्ड ने 2.35 रुपए प्रति शेयर के डिविडेंड की भी घोषणा की है।
स्टैंडअलोन पर 2,502 करोड़ का घाटा
कंपनी के मुताबिक बॉटमलाइन पर असर मुख्य रूप से वन टाइम 3,577.64 करोड़ रुपए के घाटे की वजह से हुआ है। स्टैंडअलोन आधार पर बात करें तो महिंद्रा एंड महिंद्रा को 2,502 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा चौथी तिमाही में हुआ है। एक साल पहले समान तिमाही में 849 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था।कंपनी ने कहा कि महिंद्रा बोर्ड ने यह फैसला किया है कि वह अब सांगयांग में किसी तरह का नया निवेश नहीं करेगा। साथ ही इसके बिजनेस आउटलुक की फिर से समीक्षा करेगा। इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय सब्सिडियरी की भी समीक्षा की जाएगी।
वर्तमान माहौल में समीक्षा करने के बाद यह फैसला किया जाएगा कि पैसा डालना है या नहीं। बता दें कि मार्च के बाद से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित है। हालांकि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने घरेलू बाजार में अपनी हिस्सेदारी 39.1 प्रतिशत बनाए रखी है। एक साल पहले समान अवधि की तुलना में यह 3.7 प्रतिशत बढ़ी है।