भोपाल। मध्यप्रदेश में फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसकी सुनवाई 18 मार्च को है। अब कांग्रेस पार्टी भी सुप्रीम कोर्ट चली गई है। दावा किया है कि 22 विधायकों को बेंगलुरु में बंधक बनाकर रखा गया है। उनकी आजादी से पहले फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता।
पहले उपचुनाव कराएं फिर फ्लोर टेस्ट: कमलनाथ सरकार
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के चीफ व्हिप गोविंद सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने अपनी अर्जी में कहा कि 15 कांग्रेस विधायकों को जबरन कर्नाटक में रखा गया है। सभी विधायकों की मौजूदगी के बिना फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता है। अगर 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है तो पहले उनकी सीट पर दोबारा चुनाव हो।
सुप्रीम कोर्ट विधायकों को बंधक घोषित करे: कमलनाथ सरकार
कांग्रेस पार्टी ने अनुरोध किया कि केन्द्र, कर्नाटक सरकार और मध्य प्रदेश बीजेपी द्वारा उसके विधायकों को ‘गैरकानूनी तरीके से बंधक’ बनाया गया घोषित किया जाए। याचिका में कांग्रेस ने विधायकों से संपर्क कराने के लिये केन्द्र और कर्नाटक सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 22 कांग्रेस विधायक करीब एक सप्ताह से बेंगलुरु के एक होटल में हैं। कांग्रेस का दावा है कि इनमें से 15 विधायक ऐसे हैं जिन्हें बीजेपी ने जबरन होटल में रखा है। सत्तारूढ़ दल का कहना है कि जब तक ये विधायक वापस भोपाल नहीं लौटते हैं फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता है।