नई दिल्ली. विजय माल्या को भारत लाए जाने के लिए लगातार कोशिशें जारी हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि माल्या को जल्द से जल्द भारत लाए जाने के लिए हम लगातार ब्रिटिश अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हमने ब्रिटिश सरकार से अपील की है कि वह विजय माल्या को अपने देश में शरण ना दे।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि माल्या ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण के लिए एप्लीकेशन दी है। दरअसल, माल्या के पास ब्रिटेन में कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है। अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ उसने ब्रिटेन के हाईकोर्ट में अपील की थी। उसने कहा था कि वह प्रत्यर्पण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करना चाहता है, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।
ब्रिटिश हाई कमिशन ने कहा- कानूनी मसले सुलझने तक प्रत्यर्पण संभव नहीं
ब्रिटिश हाई कमिशन ने पिछले दिनों माल्या के प्रत्यर्पण पर स्थिति साफ की थी। हाई कमिशन ने कहा था- कुछ कानूनी मसले अभी सुलझने बाकी हैं। यह जब तक सुलझ नहीं जाते, तब तक माल्या को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है। इन मसलों के बारे में हम अभी ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते, लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इन्हें सुलझा लिया जाए।
प्रत्यर्पण के दस्तावेज पर दस्तखत नहीं हुए
रिपोर्ट्स में एक अधिकारी के हवाले से कहा जा रहा है कि माल्या को भारत अभी नहीं लाया जा रहा है, क्योंकि उसके प्रत्यर्पण संबंधी दस्तावेज पर हस्ताक्षर होने की कोई आधिकारिक सूचना अभी तक ब्रिटेन से नहीं मिली है। प्रत्यर्पण कानून के मुताबिक, माल्या के प्रत्यर्पण डॉक्यूमेंट्स पर ब्रिटेन के होम ऑफिस सेक्रेटरी की ओर से हस्ताक्षर किए जाने की अंतिम सीमा 11 जून 2020 थी।
माल्या के पास दो ही विकल्प, इनमें पहली राजनीतिक शरण
यह भी संभावना जताई जा रही है कि माल्या ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण के लिए आवेदन कर दिया है। जानकारों ने कहा कि विजय माल्या के पास प्रत्यर्पण से बचने के लिए सिर्फ दो ही विकल्प बचे हैं। पहला ब्रिटेन में राजनीतिक शरण हासिल करना और दूसरा यूरोपीय मानवाधिकार अदालत में जाना। माल्या को राजनीतिक आधार पर शरण मिलती है, तो वह जब तक चाहे ब्रिटेन में रह सकता है। बशर्ते भारत और ब्रिटेन की संधि में बदलाव न हो या माल्या शर्तों का उल्लंघन न करे।
सूत्रों ने कहा कि माल्या ने राजनीतिक शरण के लिए आवेदन यूके हाई कोर्ट का आदेश आने से काफी पहले किया होगा। अगर माल्या ने अदालत के आदेश के बाद शरण हासिल करने के लिए आवेदन किया होगा, तो ब्रिटेन की सरकार उसे खारिज कर देगी। राजनीतिक शरण के आवेदन से माल्या प्रत्यर्पण को और टाल सकता है। जब तक आवेदन पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक ब्रिटेन का गृह मंत्रालय उसके प्रत्यर्पण पर कोई फैसला नहीं करेगा।